वाराणसी, 18 दिसंबर। ज्ञानवापी मामले में एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर ने वाराणसी के जिला जज को सील बंद रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट 1500 से ज्यादा पेज की है। एएसआई को ज्ञानवापी के सर्वे के दौरान खंडित मूर्तियां, घड़ा, चिह्न जैसे 250 अवशेष मिले थे। इन्हें डीएम की निगरानी में लॉकर में जमा कराया गया था। इन सभी अवशेषों को भी कोर्ट में पेश किया गया है।
सर्वे रिपोर्ट पेश होने से पहले मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में एप्लीकेशन दी। इसमें मांग की कि सर्वे की रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश हो और बिना हलफनामे के किसी को भी सार्वजनिक करने की इजाजत न दी जाए।
रिपोर्ट सबमिट करने के लिए सुरक्षा के बीच 5 सदस्यीय टीम जिला जज कोर्ट पहुंची। एएसआई ने मेडिकल कारणों से 7 दिन का समय मांगा था, जिसके बाद जिला जज ने एएसआई को रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 18 दिसंबर की तारीख तय की थी। आज वादी-प्रतिवादी और दोनों पक्षों के सभी वकील मौजूद रहे। ।ैप् की टीम सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए 5 बार एक्सटेंशन ले चुकी थी।
एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर 16 मई को याचिका दायर की गई थी। इसे दायर करने वाली चार महिलाओं की अगुआई वकील विष्णु शंकर जैन ने की थी। हिंदू पक्ष के वकील ने वहां हिंदू मंदिर के प्रतीक चिह्न मिलने का दावा किया था। इसके बाद वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट ने 21 जुलाई 2023 को ज्ञानवापी परिसर के सील वजूखाने को छोड़कर बाकी सभी हिस्से और तहखानों के सर्वे का आदेश दिया था। 24 जुलाई को एएसआई की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया था। हालांकि, मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सर्वे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। इसके बाद उसी दिन यानी 24 की शाम को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगा दी थी।