मेरठ 17 जून (प्र)। पिछले वित्तीय वर्ष की आय का हिसाब-किताब देने में मेरठ नगर निगम समेत 183 नगर निकाय फिसड्डी साबित हुए हैं। शासन से लगातार सभी नगर निकायों से सूचना मांगी जा रही है, लेकिन अब तक ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया गया। इस पर शासन ने नाराजगी जताई है। साथ ही नगर आयुक्त, नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों (ईओ) से कहा है जल्द से जल्द ब्योरा उपलब्ध कराया जाए।
नगर निकाय निदेशक अनुज कुमार झा की ओर से जारी पत्र के अनुसार बताया गया है कि मेरठ, बरेली, गाजियाबाद और लखनऊ नगर निगम समेत 183 नगर निकायों ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुई कर वसूली का विस्तृत ब्योरा उपलब्ध नहीं कराया है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पूर्व 11 अप्रैल, एक मई को भी ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया था। इसके बावजूद वित्तीय वर्ष 2024-25 में कर वसूली का ब्योरा निदेशालय को प्राप्त नहीं हुआ है। निकायों से ब्योरा उपलब्ध नहीं होने से शासन को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने संबंधित नगर निकायों से कर वसूली का अपडेट ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम शिव कुमार गौतम ने बताया कि उनकी जानकारी में तो शासन को कर वसूली की रिपोर्ट जा चुकी है। इसकी जानकारी प्राप्त करूंगा कि आखिर क्या कारण है जो निदेशालय से बार-बार इस तरह की सूचना अप्राप्त होने की बात कही जा रही है।
इनका ब्योरा नहीं मिला
● मेरठ, बरेली, गाजियाबाद और लखनऊ नगर निगम
● कानपुर, आगरा, वाराणसी, लखनऊ जल संस्थान
● मेरठ, वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन, फैजाबाद, प्रयागराज, चित्रकूट, झांसी, कानपुर, अलीगढ़, आगरा, बरेली और सहारनपुर मंडल के 175 निकाय।
यह जानकारी मांगी गई
● 2023-24 में कर से आच्छादित भवनों की कुल संख्या।
● 2023-24 में निकाय में स्थित भवनों की कुल संख्या। 2024-25 में निकाय में स्थित भवनों की कुल संख्या
● 2024-25 में कर से आच्छादित भवनों की कुल संख्या।
● 2023-24 में राजस्व वसूली का रिकार्ड।
● 2023-24, 2024-25, 2024-25 में बकाया राजस्व का रिकार्ड।