Tuesday, October 28

यूपी के मेरठ समेत 18 जिलों में 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट का होगा गठन

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मेरठ 20 अक्टूबर (प्र)। यपूी के 18 जिलों में 22 नई एंटी करप्शन कोर्ट का आदेश दिया गया है। प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की ओर से पत्राचार कर निर्देश दिए गए हैं। अब आगरा मंडल के भ्रष्टाचार के मामलों में मेरठ कोर्ट में आरोपियों को पेश कराने की जरूरत नहीं रहेगी। ज्यादातर सभी प्रकरण में संबंधित मंडल की एंटी करप्शन कोर्ट में ही सुनवाई हो सकेगी। इन मामलों में त्वरित कार्रवाई भी संभव हो सकेगी।

सरकार ने सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और त्वरित कार्रवाई के लिए नई व्यवस्था बनाई है। प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की ओर से 16 अक्टूबर को आदेश जारी कर प्रदेश के 18 जिलों में एंटी करप्शन की 22 कोर्ट बनाने का आदेश दिया है।

महानिबंधक हाईकोर्ट इलाहाबाद, महालेखाकर यूपी, प्रमुख सचिव न्याय एवं विधि परामर्श उप्र शासन, पुलिस महानिदेशक यूपी, पुलिस महानिदेशक अभियोजन समेत एडीजी एंटी करप्शन और निदेशक न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान लखनऊ, मंडल कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी और अन्य अधिकारियों समेत अभियोजन के अधिकारियों और गृह (गोपन) अनुभाग यूपी सरकार को इसकी कॉपी भेजी गई है। इन सभी 22 जगहों पर एडीजे/विशेष न्यायाधीशों के न्यायालय को नेताओं, सरकार के राजपत्रित अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुदकमों के विचारण के लिए अधिकृत कर दिया है।

अभी तक यह होती थी व्यवस्था
भ्रष्टाचार के मामलों में अभी तक गिनी चुनी विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट थी। जैसे आगरा मंडल समेत आसपास के कई जिलों के भ्रष्टाचार के मामलों में आरोपियों की पेशी मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में होती थी। ऐसे में समय और सरकारी धन ज्यादा लगता था। अब इसके बाद स्थानीय स्तर पर ही तीन-चार जिलों के भ्रष्टाचार के मामलों में सुनवाई संभव हो सकेगी।

इन जिलों में कोर्ट का आदेश
मेरठ में दो कोर्ट विशेष न्यायालय एक में मेरठ, बागपत और हापुड़ के केस आएंगे। विशेष न्यायालय संख्या-2 में गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और बुलंदशहर के केस आएंगे। सहारनपुर में मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और शामली के केस सुने जाएंगे। बरेली के अंदर बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत रहेंगे। मुरादाबाद में बिजनौर, अमरोहा, रामपुर, संभल और मुरादाबाद की सुनवाई होगी। आगरा में फिरोजाबाद, आगरा, मैनपुरी, मथुरा और आगरा जिलों के भ्रष्टाचार के केस सुने जाएंगे। इसके अलावा अलीगढ़, कानपुर, झांसी, लखनऊ (दो कोर्ट), अयोध्या, प्रयागराज, बांदा, वाराणसी (दो कोर्ट), मिर्जापुर, आजमगढ़, गोरखपुर (दो कोर्ट), बस्ती और गोंडा में विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम बनाए गए हैं।

ये होंगे फायदे
● भ्रष्टाचार के मामलों में स्थानीय स्तर पर ही कोर्ट में पेशी हो सकेगी।
● भ्रष्टाचार के मुकदमों में स्थानीय कोर्ट में तेजी से सुनवाई हो सकेगी।
● मुकदमों में स्थानीय कोर्ट में ही पैरवी त्वरित गति से कराई जा सकेगी।

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