मेरठ 11 नवंबर (प्र)। मेरठ पुलिस ने अंतराष्ट्रीय ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को अरेस्ट किया है। ये तीनों अन्ना रेड्डी गेमिंग एप के जरिए लोगों से ठगी करते थे। इनके पास से पुलिस को 95 एटीएम कार्ड, 14 सिम कार्ड, पांच पासबुक, नौ चेकबुक, चार मोबाइल बरामद हुए हैं।
मेरठ में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने प्रेसवार्ता करते हुए पूरे गिरोह की जानकारी दी। बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपियों नाम आसिफ, जमीर और तालिब है। ये तीनों त्योहारों पर पैसे डबल करने का लालच देकर लोगों को ठगते हैं। तीनों ही मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं।
मेरठ पुलिस ने अन्ना रेड्डी मोबाइल एप के जरिए ठगी करने वाले अंतराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के तीन सदस्यों को मेडिकल थाना पुलिस और साइबर टीम ने मिलकर पकड़ा है। गिरोह के सदस्य तालिब, आसिफ और जमीर को पुलिस ने अरेस्ट किया।एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि एक व्यक्ति से हुई साइबर ठगी की शिकायत के मामले की जांच में इस अंतराष्ट्रीय ठगी के गिरोह का राज खुला है।
पिछले दिनों सोहेल खान जो लोहियानगर मेरठ निवासी है उसने साइबर पोर्टल 1930 पर एक साइबर ठगी के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज करायी थी। बताया कि दिवाली ऑफसर के नाम पर एक अनॉथराइज कंपनी का लिंक उसे भेजा गया। उसी मोबाइल नंबर से कहा गया कि इस लिंक के जरिए रकम इंवेस्ट करो और कम इंवेस्टमेंट में मोटा मुनाफा कमा सकते हो। सोहेल ने मुनाफे के लालच में आकर लगभग एक लाख रुपया उस लिंक के जरिए कई अंजान बैंकखातों में इंवेस्ट कर दिया था। बाद में उसे लाभ की रकम नहीं मिली तो पता चला कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है।
सोहेल की शिकायत के बाद साइबर टीम पूरे मामले की जांच में लगी। जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी पुलिस ने उन्हें चैक किया तो हर खाता दो से तीन खातों से लिंक मिला। ये खाते ताबली गांव मुजफ्फरनगर के समीर के नाम थे। पुलिस पहले समीर तक पहुंची फिर साइबर ठगी का मुख्य आरोपी आसिफ उर्फ सिप्पा पकड़ा गया।
पूछताछ में आसिफ ने बताया कि वो 2012 से 2023 तक कुवैत में रहा है। कुवैत में उसका भाई महताब रेस्टोरेंट चलाता है। 2016 में उसकी मुलाकात कुवैत में टेक्निशियन चार्ली उर्फ सद्दाम से हुई। दोनों में दोस्ती हुई। लगभग 6 महीने पहले दिल्ली के चांदनी चौक पर दोनों दोबारा फिर मिले। तब चार्ली ने ही उसे आहिल जो मुंबई में रहता है उसके बारे में बताया। दोनों ने आहिल से फोन पर बात की और मिलकर अवैध रूप से ऑनलाइन एप बनाने का प्लान किया। इस एप के जरिए लोगों से पैसा लगवाएंगे और धोखाधड़ी कर ठगी करेंगे।
मुंबई निवासी आहिल एप बनाने में माहिर है। इस डील के तहत आहिल ने मुंबई में बैठकर अवैध गेमिंग एप अन्ना रेडी एप बनाया। आसिफ के बनाए एप पर आसिफ और समीर अपने जानने वालों से पैसे लगवाने लगे। ये लोग फर्जी बैंकखाते खुलवाकर उसमें इंवेस्टमेंट की रकम ट्रांसफर करते थे। पहले कम रकम लगवाकर मुनाफा देते बाद में बड़ी रकम लगवाकर ठगी करते थे। पुलिस पूछताछ में आसिफ ने बताया कि एप चलाने के लिए उसने 40 बैंकखाते किराए पर लिए उनके एटीएम कार्ड बनवाए।
एसपी सिटी ने बताया कि ये साइबर गैंग मिलकर रोजाना 15 लाख रुपयों की ठगी करता है। ठगी की रकम आसिफ अपने सीनियर गैंग मेंबर चार्ली उर्फ सद्दाम को पहुंचाता है। अब तक ये गिरो सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी कर चुका है।