नई दिल्ली, 17 नवंबर। भारतीय रेलवे अगले चार-पांच वर्षों में 3,000 नई ट्रेनें शुरू करने की योजना बनाई जा रही है, क्योंकि जनसंख्या बढ़ रही है। इसे समायोजित करने के लिए और अधिक ट्रेनों की जरूरत है। इसके अलावा मंत्रालय यात्रा में लगने वाले समय को कम करने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गत दिवस इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नई ट्रेनें शुरू से 2027 तक वेटिंग टिकट का झंझट खत्म हो जाएगा और सभी को कन्फर्म टिकट मिलेगा।
रेलवे को उम्मीद है कि आने वाले पांच सालों में ट्रैक पर ट्रेनों की संख्या मांग के अनुरूप बढ़ा दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि रेलवे की मौजूदा यात्री क्षमता को 800 करोड़ सालाना है, इसे पांच वर्षों में बढ़ाकर 1,000 करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, 69,000 नए कोच बनकर तैयार हो चुके हैं। हर साल करीब 5,000 नए कोच बनाए जा रहे हैं। इसके बाद रेलवे हर साल 400 से 450 वंदे भारत ट्रेनों के अलावा 200 से 250 जोड़ी नई ट्रेनें चला सकता है। वैष्णव ने कहा, यात्रा का समय कम करना एक और लक्ष्य है, जिसके लिए रेल नेटवर्क का विस्तार करने की दिशा में काम रहा है।
इस साल त्योहारी सीजन में विशेष ट्रेनों में तीन गुना वृद्धि
गैर-एसी कोच वाले बर्थ की कमी की खबरों को खारिज करते हुए वैष्णव ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस त्योहारी सीजन में विशेष ट्रेनों की संख्या में लगभग तीन गुना वृद्धि की गई है। इस त्योहारी सीजन में यात्रियों की भीड़ को समायोजित करने के लिए एक अक्तूबर से 31 दिसंबर के बीच 6,754 अतिरिक्त ट्रेन संचालित की जा रही हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 2,614 थी।
वैष्णव ने कहा, ‘लंबे रूट की ट्रेनों की गति बढ़ाने और धीमी करने में लगने वाले समय को कम करना बहुत जरूरी है, क्योंकि निर्धारित स्टेशनों पर रुकने के अलावा ट्रेनों को मार्ग के कई मोड़ों पर गति कम करनी पड़ती है.’ वैष्णव ने कहा कि रेलवे की क्षमता को और बढ़ाने के लिए हर साल लगभग पांच हजार किलोमीटर ट्रैक बिछाए जा रहे हैं. वैष्णव ने कहा, ‘एक हजार से अधिक फ्लाईओवर व अंडरपास को भी मंजूरी प्रदान की गई है और कई स्थानों पर काम शुरू हो चुका है. पिछले साल, हमने 1,002 फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया था और इस साल हमारा लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 1,200 करना है.’