लखनऊ, 17 नवंबर। गैर विवादित संपत्तियों के बंटवारे के मामलों को लटकाना उप जिलाधिकारियों को भारी पड़ सकता है। राजस्व परिषद यह पता लगाने जा रहा है कि आने वाले आवेदनों की सुनवाई तय समय पर क्यों नहीं हो पा रही है। लापरवाही की पुष्टि होने पर ऐसे एसडीएम को हटाने के लिए नियुक्ति विभाग को लिखा जाएगा। प्रदेश में 16 अक्तूबर 2023 तक कुल 4,82,238 संपत्ति बंटवारे के मामले आए, जिसमें से 3,13,282 मामलों का निस्तारण हुआ और अभी 1,68,956 मामले लटके हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने तय समय पर निपटारे का दिया था निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गैर विवादित मामलों में संपत्तियों काबंटवारा तय समय पर कराने के निर्देश दे चुके हैं, जिससे विवाद की स्थिति न पैदा होने पाए और लोगों को राहत मिल सके। राजस्व संहिता की धारा-16 में दी गई व्यवस्था के आधार पर आवेदन के छह माह में संपत्तियों के बंटवारे का अधिकार उप जिलधिकारियों को दिया गया है। एसडीएम न्यायालयों में आने वाले ऐसे मामलों का परीक्षण कराने के बाद गैर विवादित होने की स्थिति में संपत्तियों का बंटवारा कर दिया जाना चाहिए।
इसके बाद भी तय समय के अंदर ऐसा नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदारों का पता लगाया जाएगा उच्च स्तर पर पिछले दिनों संपत्तियों के बंटवारे से लेकर अन्य मामलों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि कुछ तेजी तो आई है, लेकिन अपेक्षाकृत अभी भी मामलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। राजस्व परिषद स्तर पर अब इसको लेकर यह पता लगाया जा रहा है कि आखिरकार इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इस पहलू का भी पता लगाया जा रहा है कि इसके पीछे अधिवक्ताओं की होने वाली हड़ताल और बार-बार कार्यबहिष्कार किया जाना तो नहीं है। वाजिब कारण न होने की स्थिति में दोषी एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई के लिए नियुक्ति विभाग को पत्र भेजा जाएगा।
खराब निस्तारण वाली तहसीलें
रसड़ा, भदोही, बलिया, बैरिया, मनकापुर, तरबगंज, हैदरगढ़, पट्टी, छिबरामऊ, घनघटा, भदोही, रानीगंज, हैदरगढ़, औराई, कुंडा, हंडिया, कैपरियरगंज
प्रदेश में न्यूनतम निस्तारण वाले जिले
जिला सितंबर अक्तूबर
एटा 7454 2757
गाजियाबाद 964 989
फर्रुखाबाद 1869 1896
कासगंज 2787 2922
संतरविदासनगर 545 586
प्रदेश में अधिकतम निस्तारण वाले जिले
जिले सितंबर अक्तूबर
बलिया 2809 7484
गोंडा 2434 3781
गाजीपुर 4028 5374
कुशीनगर 5658 6880
आजमगढ़ 6463 7601