मेरठ/मवाना, 05 सितंबर (प्र)। मवाना थाना क्षेत्र के तहसील में एक किसान ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह किसान के हाथो से पेट्रोल की कैन छुढ़ाकर उसे बचाया।किसान दरियापुर गांव से आया था। किसान इलम सिंह अपने साथ पेट्रोल की कैन लेकर तहसील पहुंचा। वहां पहुंचकर पहले चिल्लाने लगा इसके बाद अपने साथ लाई पेट्रोल की कैन से उसने अपने ऊपर तेल छिढ़क लिया। तभी वहां मौजूद लोगों और न्यायिक मजिस्ट्रेट जितेंद्र सिंह ने उसे देख लिया। तुरंत दौड़कर किसान के हाथों से पेट्रोल की कैन छीनी उसे बचाया।
किसान इलम सिंह ने कहा कि जमीन के दाखिल खारिज करने के नाम पर उससे रिश्वत मांगी जा रही है। एक साल से मैं भटक रहा हूं। तहसील प्रशासन एक साल से मेरी जमीन के दाखिल खारिज का काम अटकाए हुए है। क्योंकि मैं भ्रष्टाचार के लिए घूस नहीं दे रहा। रोते हुए किसान ने कहा कि मेरी जमीन का बैनामा हो चुका है लेकिन दाखिल खारिज नहीं हो रहा। दाखिल खारिज कराने के लिए छह महीने से भटक रहा हूं। आज हाथ जोड़कर प्रार्थना करके अपना काम कराने आया था। लेकिन ये लोग मेरा काम नही ंकरते और मरने भी नहीं देते। कहा कि अब वो डीएम से मिलकर अपनी शिकायत करेगा। ये सारे लोग पैसे मांगते हैं। किसान को जब पुसवाले रोकने लगे तो उसने कहा कि मैं यहीं आग लगा लूंगा। उससे पैट्रोल की कैन छीन ली गई तो अपने अंगोछे से खुद को फांसी लगाने लगा।
किसान को जब पुलिसवाले रोकने लगे तो अपना हाथ छुढ़ाते हुए उसने कहा कि वो सबको आग लगा देगा। कहा ये सब पैसे मांगते हैं। बोला मैंने एसडीएम साहब के हाथ भी जोड़े लेकिन मेरा काम नहीं हो रहा। तहसील स्टाफ किसान से बातचीत करने लगा तो किसान ने कहा आप यहां बैठे रहते हैं मेरी परेशानी नहीं सुनते। बाद में पुलिस पीड़ित किसान को ही बाइक पर थाने ले गई।
किसान सबके सामने हाथ जोड़कर रोने लगा। रोते हुए कहा कि मैं तो जरूर मरूंगा। आज यहां एसडीएम के पास मरने आया हूं। किसान ने कहा कि उसने कई बार परेशानी बताई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कहा आराम से यहां कोई नहीं सुनता। एसडीएम साहब के पैर भी पकड़े मेरा गुनाह क्या है बता दें मेरा काम कर दें लेकिन काम नहीं हुआ। किसान ने कहा अब वो डीएम के यहां जाकर दरखवास्त करेगा। राते हुए कहा कि गरीब आदमी की कहीं सुनवाई नहीं है। मुझे जेल भेज देंगे। गरीब आदमी पैसे कहां से देगा, इन अफसरों को निलंबित किया जाए।
पीड़ित इलम सिंह ने कहा पहले मेरी खसरा, खतौनी में जमीन गलत कर दी। अब दाखिल, खारिज नहीं कर रहे। कहा कि एसडीएम ने कहा सात दिन में काम हो जाएगा लेकिन अब तक काम नहीं हुआ। मेरी पत्नी और बच्चे कहते हैं कि मैं बेकार हूं, मैं एक काम भी नहीं करा पा रहा। ये तहसील बहुत भ्रष्ट है। मैं कहां से फीस दूं।