मेरठ 07 सितंबर (प्र)। शहर में सात हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट खराब होने और दस हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइट पोल से गुम होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को बड़ी संख्या में पार्षदों ने एकत्र होकर अपर नगर आयुक्त तृतीय पंकज कुमार सिंह के कार्यालय का घेराव किया। चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक मोहल्लों और मार्गों की स्ट्रीट लाइट ठीक न हुई तो जनता के साथ अधिकारियों का घेराव किया जाएगा। अंधेरे मार्गों पर बैठकर धरना दिया जाएगा।
पार्षदों ने कहा कि ईईएसएल कंपनी का भुगतान कराने के लिए नगर निगम और शासन के अधिकारी इतने परेशान थे कि विशेष कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर ढाई करोड़ के आंशिक भुगतान की मंजूरी दी गई। निगम और शासन के अधिकारियों ने कभी भी शहर के मार्गों का अंधेरा दूर करने के लिए विशेष बैठक का सहारा न लिया। जितना भुगतान के लिए परेशान थे।
उससे अधिक चिंता करने की जरूरत है। शहर की एक भी सड़क ऐसी नहीं है कि जिस पर शत-प्रतिशत लाइट जल रही हो ।
बिजली बंबा बाइपास रोड, मवाना रोड, गढ़ रोड, बागपत रोड, हापुड़ रोड समेत मोहल्लों के अंदर की सड़कें गलियां, पार्क सब जगह अंधेरा छाया हुआ है। रात में लोग घर के बाहर वाहनों के हेड लाइट के सहारे निकल रहे हैं। पार्षदों ने कहा कि इस हालात के लिए सिर्फ और सिर्फ नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं। जिन्होंने ईईएसएल के कार्यों की कभी निगरानी नहीं की। तीन जोन में स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं बांटी। एक पथ प्रकाश निरीक्षक के भरोसे 72 हजार स्ट्रीट लाइट की निगरानी छोड़ दी गई।
पार्षदों ने ईईएसएल से अनुबंध की शर्तों का रिकार्ड मांगा तो अपर नगर आयुक्त ने दस दिनों के भीतर लाइट में सुधार दिखाई देने का आश्वासन दे | दिया। घेराव के दौरान पार्षद दीपक वर्मा, राजीव गुप्ता काले, पंकज गोयल, अजय चंद्रा, अभिनव अरोरा, कुलदीप वाल्मीकि, सुमित शर्मा, फजल करीम समेत अन्य पार्षद मौजूद रहे।