Monday, December 23

कलक्ट्रेट का पुराना भवन 32.50 लाख में नीलाम, पुराने एडीएम ब्लाक को तोड़कर बनेगा तीन मंजिला नया भवन

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मेरठ 26 अक्टूबर (प्र)। अंग्रेजी जमाने के कलक्ट्रेट के पुराने भवन (एडीएम ब्लाक) को तोड़कर तीन मंजिला नया भवन बनाने के लिए शासन द्वारा 217 लाख रुपये की पहली किश्त जारी कर दी गई है। शुक्रवार को इस पुराने भवन की नीलामी की गई। भवन को तोड़कर उसका मलबा ले जाने के लिए 32.50 लाख रुपये की सर्वाधिक बोली मिली। वहीं इस ब्लाक में संचालित हो रहे 12 सरकारी कार्यालयों को कहां शिफ्ट किया जाना है इसका आदेश भी जारी कर दिया गया है।

केवल एडीएम भूमि अध्याप्ति के कार्यालय को शास्त्रीनगर में आवास विकास परिषद के भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है अन्य सभी कार्यालयों को कलक्ट्रेट परिसर में ही शिफ्ट किया जा रहा है। एडीएम ब्लाक अंग्रेजी समय का पुराना भवन हैं। जिसे निष्प्रयोज्य घोषित किया जा चुका है। शासन ने यहां तीन मंजिला नया भवन बनाने का आदेश दिया है। इसकी प्रथम किश्त 217 लाख रुपये जारी करके निर्धारित समयावधि में भवन निर्माण कराने का निर्देश दिया है। इस ब्लाक में 12 सरकारी विभागों के कार्यालय और कई न्यायालय संचालित होते हैं। जिन्हें स्थानांतरित होने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। शुक्रवार को पुराने भवन की नीलामी प्रक्रिया हुई। बचत भवन सभागार में 24 ठेकेदारों ने बोली लगाई। इस भवन को तोड़कर मलबा ले जाने की अनुमति ठेकेदार को होगी। सिटी मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने बताया कि इस भवन के लिए न्यूनतम धनराशि 20 लाख निर्धारित की गई थी। सर्वाधिक बोली 32.50 लाख की आई है।

खाली करने की तैयारी, कौन कहां शिफ्ट होगा… आदेश जारी
इस ब्लाक में दो एडीएम समेत 12 सरकारी कार्यालय तथा कई न्यायालय संचालित होते हैं। एक महीने पहले इन्हें स्थानांतरित होने का नोटिस जारी किया जा चुका है। हाल ही में एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह ने सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करके मंथन किया। जिसमें तय किया गया कि कौन सा विभाग कहां शिफ्ट होगा। केवल एडीएम भूमि अध्याप्ति कार्यालय को कलक्ट्रेट से बाहर भेजा जा रहा है। इसे शास्त्रीनगर में आवास विकास परिषद के कार्यालय भवन में ले जाने का आदेश है। अन्य विभागों को कलक्ट्रेट परिसर में ही स्थान दिया गया है। हालांकि स्थानांतरण के लिए जो स्थान व कार्यालय निर्धारित किए गए हैं वे अधिकांश संबंधित विभागों के अफसर कर्मियों को नापसंद हैं। जिन्हें लेकर वे आपत्ति भी जता रहे हैं।

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