मेरठ, 09 दिसंबर (प्र)। बैंकों में नकली नोट मिलने का मामला एक बार फिर सामने आया है। 6 महीने पहले ही बैंक में नकली करेंसी मिलने पर मुकदमा हुआ था। अब दोबारा एक्सिस बैंक करेंसी चेस्ट में 4 महीनों में नकली नोट जमा हुए हैं। इसको लेकर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है, आखिर कैसे बैंकों में ये नकली करेंसी सामने आ रही है।
एक्सिस बैंक की ब्रांच से मंगलपांडे नगर स्थित करेंसी चेस्ट में अगस्त से नवंबर 2024 तक तीन माह में 2.37 लाख से ज्यादा के नकली नोट पहुंच गए। इन 733 नकली नोट के संबंध में करेंसी चेस्ट के प्रबंधक ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
एक्सिस बैंक करेंसी चेस्ट के मैनेजर गौरव शर्मा हैं। जो दिल्ली में रहते हैं। मंगलपांडे नगर में करेंसी चेस्ट मैनेजर गौरव की तरफ से यह रिपोर्ट कराई गई है। जिसमें बताया गया कि करेंसी चेस्ट से बैंक की 190 शाखा संबद्ध हैं। इन शाखाओं से ग्राहकों द्वारा जमा कराई गई धनराशि निरीक्षण के लिए करेंसी चेस्ट में भेजी जाती है।
करेंसी चेस्ट में भेजी गई धनराशि का निरीक्षण किया तो 2,37,700 रुपये के कुल 733 नकली नोट पाए गए। जो ब्रांच से आए हैं। इनमें पांच सौ रुपये के 390 नोट, दो सी रुपये के 118 नोट, सौ रुपये के 158, पचास रुपये के 66 नोट थे। प्रबंधक ने थाने में जिस-जिस शाखा से नोट दर्ज कराई थी। ये नोट अगस्त से नवंबर के बीच मिले हैं।
एक्सिस बैंक की 190 शाखाएं जुड़ी हैं। यहां से रुपया करेंसी चेस्ट में जमा कराया जाता है। जांच के बाद यह रुपया वापस बैंकों तक पहुंचाया जाता है। इस साल अगस्त से नवंबर तक बैंकों की ओर से भेजी गई धनराशि की जांच की गई। इसमें 500 के 390, 200 के 118, 100 के 158, 50 के 66, 10 का एक नोट नकली निकला।
मैनेजर ने पुलिस को नोटों के मिलने की डेट, उन ब्रांच के नाम एड्रेस और पूरी डिटेल भी दी है। ताकि पता चल सके कि बैंकों में अंदर आखिर ये नकली करेंसी कैसे और कहां से आ रही है। इसमे बैंक स्टाफ की मिलीभगत भी हो सकती है।
एक्सिस बैंक की करेंसी चेस्ट में पहले भी नकली नोट पकड़े गए थे। इसी वर्ष मई से जुलाई माह तक 2,06,720 रुपये के 752 नकली नोट करैसी चेस्ट पहुंचे थे। प्रबंधक ने इसकी रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में की थी। ये नकली नोट रिजर्व बैंक की कानपुर करेंसी चेस्ट तक भी पहुंच गए थे। इसी वर्ष मई माह में करेंसी चेस्ट के दावा अनुभाग प्रबंधक आईपीएस गहलीत ने कई बैंक प्रबंधकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इनमें केनरा बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक शामिल थे।
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है कि बैंकों में नकली नोट कैसे जमा हो गए। इसमें किसकी लापरवाही है कहीं बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से तो ऐसा नहीं हुआ है। पुलिस ने भी इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच शुरू कर दी है।