मेरठ 05 अक्टूबर (प्र)।नगर निगम परिसर में पुरानी बिल्डिंग जिसमें कैनरा बैंक एंव जन निगम का कार्यालय संचालित हो रहा है। उस पूराने भवन को तोड़कर मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण का कार्य जल्द शुरू होगा। जिसमें निर्माण विभाग के एई अमित शर्मा ने बताया कि 9 अक्टूबर को टेंडर खोला जायेगा, जिसके बाद टेंडर होते ही निर्माण कार्य शुरू करा दिया जायेगा। जिसमें पहले से 25 प्रतिशत धनराशि के रूप में करीब साढेÞ 11 लाख रुपये की पहली किस्त अवमुक्त कर दी गई है।
मल्टीलेवल पार्किंग निर्माण होने के बाद घंटाघर के आसपास तो कम से कम वाहन सड़क पर खडेÞ नहीं होंगे और जाम से भी कुछ निजात जरूर मिलेगी। इस मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण सीएनडीएस जल निगम द्वारा कराया जायेगा, जिसके चलते अब लोगों को जल्द निर्माण शुरू होने की उम्मीद जगी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा शहर में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में शहर में पार्किंग बनने की उम्मीद जगी और उसके लिए शासन ने 45.99 करोड़ की लागत वाली मल्टीलेवल पार्किंग के लिए 25 फीसदी राशि 11.49 करोड़ रुपये जारी कर दी थी। शहर के कुछ लोग नगर निगम परिसर में जिस जगह यह मल्टीलेवल पार्किंग बननी है,उस जगह मुख्य सड़क की कम चौडाई बताते हुए विरोध भी कर रहे हैं। जिसमें मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी पूर्व में शिकायतें की गई, लेकिन सीएनडीएस जल निगम द्वारा बनाए जाने वाली इस मल्टीलेवल पार्किंग के लिए अब जल्द ही 9 अक्टूबर को टेंडर खुलने जा रहा है।
शहर के बीचोबीच स्थित प्रमुख बाजारों के लिए पार्किंग की व्यवस्था न होने से व्यापारी और स्थानीय लोगों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाजार में सामान की खरीदारी को आने वाले ग्राहकों और व्यापारियों को गाड़ी खड़ी करने के लिए जूझना पड़ता है। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने बीते वर्ष मुुख्यमंत्री से मल्टीलेवल पार्किंग की मांग रखी थी। जिस पर नगर विकास मंत्री से भी इसे लेकर कई बार बात हुई। साथ ही सांसद राजेंद्र अग्रवाल और महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने भी मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने के क्रम में नगर विकास मंत्री और प्रमख सचिव नगर विकास डॉ. अमृत अभिजात के सामने नगर निगम की बिल्डिंग में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की बात मांग की थी। जिसमें शासन द्वारा स्मार्ट सिटी के तहत निगम की बिल्डिंग में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की हरी झंडी दे दी थी। नगरीय विकास निदेशालय एवं मिशन निदेशक स्मार्ट सिटी ने 45 करोड़, 99 लाख, सात हजार रुपये मंजूर किये थे।