नई दिल्ली 04 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगे बैन में ढील देने से किया इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण काफी समय से खतरनाक स्तर पर बना हुआ है.
हर कोई अपने घर में नहीं खरीद सकता एयर प्यूरीफायर
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि आबादी का एक बड़ा हिस्सा सड़कों पर काम करता है और ये हिस्सा प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पीठ ने कहा कि हर कोई अपने घर या ऑफिस में प्रदूषण से लड़ने के लिए एयर प्यूरीफायर नहीं खरीद सकता.
अदालत ने गुरुवार को सभी एनसीआर राज्यों को पटाखों पर बैन को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मशीनरी बनाने का निर्देश भी दिया और यह सुनिश्चित किया कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाए जाएं.
अदालत ने कहा, पिछले छह महीनों के दौरान इस अदालत द्वारा पारित कई आदेशों से पता चलता है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के बहुत उच्च स्तर के कारण कितनी भयावह स्थिति है…स्वास्थ्य का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 का एक अनिवार्य हिस्सा है और प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने का अधिकार भी इसका एक अनिवार्य हिस्सा है.”
न्यायालय ने कहा कि जब तक अदालत इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि हरित पटाखों के कारण होने वाला प्रदूषण न्यूनतम है, तब तक पिछले आदेशों पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
पीठ ने कहा कि दिवाली के आसपास दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पटाखों पर प्रतिबंध लगाना निरर्थक होगा, क्योंकि इन्हें पहले से खरीदा और स्टोर किया जा सकता है. SC ने कहा कि समय-समय पर पारित आदेशों से संकेत मिलता है कि दिल्ली में पैदा हुई “असाधारण स्थिति” के कारण पटाखों के उपयोग पर निर्देश और प्रतिबंध आवश्यक थे.
उत्तरप्रदेश और हरियाणा में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री के दिए आदेश: न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने पीठ को सूचित किया कि सभी चार एनसीआर राज्यों ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों में ऑनलाइन बिक्री एक मुद्दा बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान को पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और दो सप्ताह के भीतर अनुपालन हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया. शीर्ष न्यायालय ने पटाखों के फटने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा भी उठाया.
शीर्ष न्यायालय पटाखा निर्माताओं द्वारा प्रतिबंध में ढील देने और हरित पटाखे बेचने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या ग्रीन पटाखों से कोई प्रदूषण होता है या नहीं, इस पर कोई अध्ययन हुआ है. पीठ ने कहा कि प्रतिबंध दिल्ली एनसीआर तक सीमित है. आपके पास पटाखों की बिक्री के लिए पूरा भारत खुला है.
शीर्ष न्यायालय ने दिसंबर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को अगले आदेश तक पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था. न्यायालय ने कहा था कि दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से पूरे साल ऑनलाइन मार्केटिंग के माध्यम से पटाख बनाने, स्टॉक करने और बिक्री, जिसमें डिलीवरी भी शामिल है, पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है.
पीठ ने कहा, हमारा मानना है कि यह प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा जब एनसीआर क्षेत्र का हिस्सा बनने वाले अन्य राज्य भी इसी तरह के कदम उठाए, यहां तक कि राजस्थान राज्य ने भी राजस्थान के उस हिस्से में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया है जो एनसीआर क्षेत्रों में आता है. फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों को दिल्ली राज्य द्वारा लगाए गए इसी तरह के प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हैं.