देहरादून, 07 अप्रैल। चारधाम यात्रा पर उत्तराखंड आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों के लिए एडवाइजरी तैयार की गई है। पर्वतीय रूटों पर रात 10 बजे से सुबह चार बजे तक वाहनों का संचालन बंद रहेगा।
सभी कॉमर्शियल वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड और ट्रिप कार्ड अनिवार्य होगा। इसी तरह चालक चप्पल में गाड़ी नहीं चला सकेंगे। इसके बजाय जूते या स्ट्रिप वाले सैंडल पहनकर गाड़ी चलानी होगी। उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से संवेदनशील है। यहां वाहन चलाना मैदानी क्षेत्रों के मुकाबले कुछ ज्यादा कठिन है। इसी के मद्देनजर चारधाम यात्रा पर आने वाले कॉमर्शियल वाहनों के लिए परिवहन विभाग ने 43 बिंदुओं की एडवाइजरी तैयार की है। हालांकि, निजी वाहन से आने वालों से भी पर्वतीय सड़कों पर वाहन चलाने के लिए आवश्यक नियमों का पालन करने की अपील की गई है। यात्रियों की सुविधा के लिए एडवाइजरी बनाई है।
परिवहन सचिव बृजेश कुमार संत का कहना है कि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए परिवहन से जुड़े मानक बनाए जा रहे हैं, जिनका पालन करने से यातायात नियंत्रित रहेगा। जल्द ही एडवाइजरी जारी कर दी जाएगी।
दिशा-निर्देश
● चप्पल पहनकर गाड़ी न चलाएं। वाहन चलाते समय जूते या स्ट्रिप वाले सैंडल पहनें।
● वाहन में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, ओट लगाने हेतु लड़की का गुटका रखें।
● वाहन में कूड़ा रखने के लिए डस्टबिन और वोमेटिंग बैग भी अवश्य रखना होगा।
● वाहन को सुरक्षित जगह पार्क करें, खड़ी गाड़ी में हैंडब्रेक या टायर पर लकड़ी का गुटका लगाएं।
● यात्रा प्रारंभ करते समय या वापसी में चेकपोस्ट पर वाहन की प्रविष्टि अवश्य कराएं।
●पर्वतीय रूट पर वाहन चलाने में अप्रशिक्षित वाहन चालक को अनुमति नहीं मिलेगी।
सहज, सरल और सुरक्षित होगी चारधाम यात्रा : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा इस वर्ष भी ऐतिहासिक होगी। श्रद्धालुओं की यात्रा को सहज, सरल और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने कई ठोस प्रबंध किए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं भी नियमित रूप से यात्रा की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं।
30 से शुरू होगी यात्रा
चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट इसी दिन खुलेंगे। उसके बाद दो मई को केदारनाथ और चार मई को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे। 28 अप्रैल से ऋषिकेश और हरिद्वार से वाहन जाने शुरू होंगे।