मेरठ 19 अप्रैल (प्र)। ब्रह्मपुरी के माधवपुरम सेक्टर एक में घर के अंदर नकली कैस्ट्रोल मोबिल आयल बनाने की फैक्ट्री चल रही थी । पुलिस ने छापा मारकर दो आरोपितों को गिरफ्तार करने के साथ ही भारी मात्रा में मोबिल आयल भी बरामद किया। आरोपित काफी दिनों से नकली कैस्ट्रोल मोबिल आयल बनाकर शहर की बड़ी दुकानों पर सप्लाई दे रहे थे। पुलिस ने फैक्ट्री सील कर दी है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि फैक्ट्री भाजपा नेता आयुष जैन की है। आयुष जैन फरार है। उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है।
हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर थाने के अठसैनी निवासी गौरव शर्मा ने ब्रह्मपुरी के माधवपुरम सेक्टर एक मकान किराये पर लिया। यहां साथी अक्षय निवासी बेरीपुरा टीपीनगर के साथ मिलकर नकली कैस्ट्रोल मोबिल आयल बनाना शुरू कर दिया। थाना प्रभारी रमाकांत पचौरी ने मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार शाम यहां छापा मारा। वहां कैस्ट्रोल के नकली मोबिल आयल की पैकिंग की जा रही थी। पुलिस ने मोबिल आयल के चार ड्रम और हजारों की संख्या में कैस्ट्रोल मोबिल आयल के रैपर तथा डिब्बे कब्जे में लेते हुए गौरव शर्मा और अक्षय कुमार को गिरफ्तार कर लिया । उसके बाद कैस्ट्रोल कंपनी के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया। पूछताछ में सामने आया कि वह काफी दिनों से नकली मोबिल आयल बनाने का धंधा कर रहे थे। शहर की बड़ी दुकानों के अलावा हापुड़, बागपत और बुलंदशहर, मुरादाबाद तक सप्लाई दे रहे थे। बताया जाता है कि हर रोज लाखों जाता था ।
100 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से गाड़ियों से निकाले गए आयल को खरीदते थे
आरोपित गाड़ियों के निकाले गए मोबिल आयल को दुकानों और एजेंसियों से सौ रुपये लीटर खरीदते थे। फिर उसे फिल्टर करने के बाद लाल कलर मिलाकर दोबारा से तैयार करते थे। कैस्ट्रोल के डिब्बों से भरकर सप्लाई करते थे। पुलिस ने मौके से डिब्बो को सील करने वाली मशीन भी बरामद की है।
200 रुपये प्रति लीटर बेचते थे
इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी के अनुसार, आरोपितों ने बताया कि वह दुकानदारों को 200 रुपये प्रति लीटर केहिसाब से इसे बेचते थे । दुकानदार उसे असली दामों पर 390 रुपये लीटर बेचते हैं। शहर में बच्चा पार्क, दिल्ली रोड और सदर बाजार की बड़ी दुकानों पर भी नकली कैस्ट्रोल मोबिल आयल की सप्लाई दी जाती है। साथ ही अन्य जनपदों में भी दुकानदारों को सप्लाई दी जाती है।
नकली आयल से इंजन को होते हैं ये नुकसान
• नकली आयल सही से लुब्रिकेंट नहीं कर पाता, जिससे इंजन ओवरहीट हो जाता है।
• इंजन की परफारमेंस में कमी आएगी। जीवनकाल भी कम होगा।
• नकली आयल के उपयोग से इंजन की वारंटी भी समाप्त हो जाएगी ।
• इंजन में खराबी आने पर उसे ठीक कराने में अधिक खर्च आ सकता है।
असली इंजन आयल की ऐसे करें पहचान
- अनआथराइज्ड दुकानों या स्ट्रीट वेंडर्स से आयल खरीदने से बचें।
- असली इंजन आयल की गंध और रंग निश्चित होता है। नकली आयल का रंग और गंध अक्सर बदल सकते हैं या अलग हो सकते हैं।
- नया आयल साफ और स्पष्ट होना चाहिए, उसमें कोई संदिग्ध कण या मटमैला रंग नहीं होता है।
- असली आयल की बोतल का वजन सही होना चाहिए और ढक्कन पर एक सील होनी चाहिए। अगर बोतल का वजन कम या ज्यादा है या सील टूटी हुई है तो यह नकली हो सकता है।