मेरठ 28 मई (प्र)। लोहियानगर स्थित कांशीराम आवासीय योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा हो गया है। लोगों ने खुद को बेघर दिखाकर आवास तो ले लिए, लेकिन रहने की जगह 79 आवंटियों ने इन आवासों को बेच दिया। 152 ने इन आवासों को किराये पर उठा दिया है। वह रहते कहीं और हैं। 346 आवासों में ताला लटका मिला। कुल 325 आवासों का अब नए सिरे से आवंटन होगा।
यह रिपोर्ट सोमवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में अधिकारियों ने रखी। सात महीने पूर्व 22 अक्तूबर 2024 को हुई बैठक में ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर ने कांशीराम आवास योजना में अवैध और अपात्र लोगों के रहने का मामला उठाया था। इस पर दिशा के अध्यक्ष सांसद अरुण गोविल ने विस्तृत जांच कर रिपोर्ट रखने को कहा था।
सात महीने बाद मंगलवार को दिशा की बैठक में डूडा पीओ व अपर नगर आयुक्त पंकज कुमार ने बैठक में रिपोर्ट रखी जो चौंकाने वाली रही। उन्होंने बताया कि लोहियानगर में कांशीराम आवास कुल 1504 आवंटियों को आवंटित किए गए थे। जांच में पाया गया कि 79 आवंटियों ने अपने आवासों को बेच दिया है। 152 आवंटियों ने अपने आवास को किराये पर दे दिया। 17 आवंटियों की मृत्यु हो चुकी है। अब उनके वारिस या किरायेदार यहां रह रहे हैं। 346 आवासों में ताले बंद मिले। इस तरह कुल अनधिकृत 577 आवासों की जांच के टीम गठित की गई। 252 आवंटियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई। 325 ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। इस तरह कुल 325 आवासों के आवंटन को निरस्त होने योग्य पाया गया। इस पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जा रही है। सांसद, मंत्री, विधायक सभी आश्चर्यचकित रह गए।