Saturday, July 12

मेरठ में अब सिर्फ डिजिटल होर्डिंग्स ही लगेंगे

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मेरठ 29 मई (प्र)। महानगर में अवैध यूनीपोल और हार्डिंग्स की बाढ़ से मुक्ति मिलने जा रही है। नये स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर बनाने के लिए मुख्यमंत्री की लागू की जा रही योजना के तहत की यह सब बदलाव शहर में होने जा रहा है। अभी तक शहर अवैध होर्डिंग्स से पटा पड़ा है। ठेकेदार से मिलीभगत होने के चलते नगर निगम भी इन पर कोई एक्शन नहीं ले पा रहा है। हाल के आंधी और तूफान में ऐसे यूनीपोल और होर्डिंग्स ताश के पत्तों की तरह ढह गए और कई लोगों की जान भी ले गए। बावजूद इसके ठेकेदार का कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाया, लेकिन अब मुख्यमंत्री शहर के लोग जो बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं, उसके तहत ऐसे होर्डिंग्स शहर से गायब हो जाएंगे। इनकी जगह सिर्फ डिजिटल होडिंग्स ही लग सकेंगे और वो भी निर्धारित स्थल पर इसके साथ ही पूरे शहर को सीसीटीवी कैमरों की जद में लाया जाएगा। ताकि समय पर फुटेज ली जा सके।

पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने लखनऊ में मेरठ के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान की समीक्षा की। इस मौके पर अफसरों ने 93 परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से मेरठ के कायाकल्प की कार्ययोजना प्रस्तुत की थी। अब मेरठ को स्मार्ट, स्वच्छ और सस्टेनेबल शहर बनाने के लिए चरणबद्ध विकास रणनीति तैयार कर ली गई है।

सब कुछ ठीक रहा तो मेरठ में सार्वजनिक स्थलों का सौंदर्यीकरण एवं वॉक-फ्रेंडली व्यवस्था, निर्वाध आवागमन, पर्यावरणीय एवं सामाजिक जनसुविधाएं, औद्योगिक और आवासीय अधोसंरचना का विकास, ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण तथा पुनर्विकास होगा। मुख्यमंत्री स्पष्ट कर चुके हैं कि मेरठ को खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का प्रेरणादायी मॉडल बनाया जाएगा। उन्होंने शहर की कंजेशन की समस्या हल करने के लिए जिला प्रशासन, प्राधिकरण और नगर निगम को समन्वित कार्य करने के निर्देश दिये थे। साथ ही डिजिटल होडिंग, सीसीटीवी निगरानी और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने को भी निर्देश दिए हैं। वहीं सड़क कनेक्टिविटी के लिए रिंग रोड, स्मार्ट रोड और इंटरसिटी संपर्क को प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री की मेरठ शहर के लिए इस योजना के तहत कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 15 हजार करोड़ रुपये है। इनमें से छह परियोजनाओं पर कार्य प्रारंभ भी हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने जिले के आला अफसरों को साफ कर दिया है कि स्मार्ट मेरठ नगर में केवल डिजिटल होडिंग लगाए जाने, पूरे नगर को सीसीटीवी कवरेज में लाने तथा व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों के सहयोग से निगरानी तंत्र को सशक्त बनाया जाए। आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को सीसीटीवी फुटेज सुलभ होनी चाहिए। सीएम ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की बात भी कही है। शहर के लिए मुख्यमंत्री की सभी 41 परियोजनाएं एक वर्ष के भीतर ही पूरी होनी हैं।

15 साल में शहर की आबादी 41 लाख हो जाएगी
शहर के जनसंख्या आंकड़ों के अनुसार, 2021 में मेरठ की आबादी लगभग 23 लाख थी, जो 2041 तक बढ़कर 33.52 लाख होने का अनुमान है। ऐसे में प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि की संभावना को देखते हुए आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए उन्होंने जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश हैं कि मेरठ की ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए सभी योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ हों. वहीं समयबद्धता और गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप क्रियान्वित की जानी चाहिए।

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