Thursday, November 13

खेल विश्वविद्यालय के निर्माण में भ्रष्टाचार, सुपरवाइजर पर मुकदमा, फर्जी बिल से रुपये निकालने का आरोप

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मेरठ 11 जून (प्र)। सलावा में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की कार्यदायी संस्था दिपांशु प्रमोटर एवं बिल्डर्स के साइट इंचार्ज ने सुपरवाइजर पर फर्जी बिल तैयार कर हजारों रुपये की धनराशि निकालने का आरोप लगाया है। उन्होंने सरधना कोतवाली में इस बाबत मुकदमा दर्ज कराने के बाद आरोपित को कंपनी से निष्कासित कर दिया है।

कोतवाली में सोमवार को दी तहरीर में संस्था के साइट इंचार्ज संतोष कुमार ने बताया कि निर्माण स्थल पर कपसाढ़ निवासी हर्ष सोम सुपरवाइजर के पद पर था । आरोपित ने पांच से आठ मई तक फर्जी बिल बनवाकर 22 हजार 776 रुपये ले लिए। जिस पर कंपनी ने उसे निष्कासित कर बायोमेट्रिक मशीन से नाम हटा दिया। बीते रविवार को आरोपित कई साथियों को लेकर मौके पर पहुंचा और बायोमेट्रिक में अपना नाम जुड़वाने के लिए अकाउंटेंट को धमकाया। उसके मना करने पर आरोपित ने राजा नाम के युवक को बुलाया और डराकर बायोमेट्रिक मशीन में नाम जुड़वा लिया। पूरा प्रकरण सीसीटीवी में कैद है। कोतवाल प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपित हर्ष सोम के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 (2),316 (4), 338, 336 (4) 351 (2) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।

लोनिवि अधिशासी अभियंता हरेन्द्र यादव का कहना है कि यह मामला निर्माण करने वाली कंपनी दीपांशु प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स से जुड़ा है। कंपनी के स्तर से ही इस मामले में कार्रवाई होनी है। इतना जरूर है कि कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने कर्मचारियों को पुलिस सत्यापन कराए ताकि इस तरह की घटना न हो।

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