वैसे तो किन शर्तो पर व्यापार करना है किन पर नहीं यह नेताओं और विदेश नीति निर्धारित करने वालों का काम है। और यह भी पक्का है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा बीते मंगलवार को एक बिजनेस चैनल को दिए टेलीफोनिक इंटरव्यू में कहा कि भारत अमेरिका से बहुत ज्यादा व्यापार करता है मगर उतना मुनाफा नहीं मिलता इसलिए उन्होंने 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का फैसला लिया है जो सात अगस्त से लागू हो जाएगा। यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों लिया यह तो वही जान सकते हैं मगर एक बात साफ है कि इस धमकी में भारत आने वाला या डरने वाला नहीं है। क्योंकि देश में विपक्षी दलों के नेताओं और सत्ताधारी दल की सोच में फर्क हो सकता है मगर जहां देश के सामने कोई समस्या है चाहे वह युद्ध की हो या व्यापार की तो पूरा देश जनहित में सरकार और पीएम के साथ खड़ा हैं । जैसा कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान भारतीयों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाले हैं तो भाजपा उपाध्यक्ष वैजयंत जयपांडा ने एक्स पर पूर्व अमेरिकी राजनयिक हेनरी को उद्रत करते हुए लिखा कि अमेरिका का दुश्मन होना खतरनाक हो सकता है लेकिन उसका दोस्त होना घातक है से यह स्पष्ट हो रहा है कि पक्ष हो या विपक्ष सब एक है भले ही कितना व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंका हो। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कितना ही कह लें कि भारत अच्छा साझेदार नहीं इसलिए चीन को छूट व भारत पर टैरिफ को सही नहीं कह सकते। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यह समझ लें कि हर मामले में फैसला पीएम मोदी और मंत्रिमंडल को लेना है लेकिन भारतवासी परेशानी और कष्ट झेलने के आदी रहे हैं। हमें सब अच्छा मिले तो भी ठीक और परेशानी हो तो वो हम उसके अनुसार खुद को ढाल लेते हैं इसलिए मैं यह कह सकता हूं कि 24 घंटे क्या जब चाहे देश के हित को ध्यान में रखकर फैसला लें। हम सब पीएम और सरकार के साथ खड़े हैं। टैरिफ बढ़ाने ना बढ़ाने से हम पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमारे लिए देश की एकता और सम्मान ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह बात सभी को समझनी होगी चाहे वह कोई भी हो।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
ट्रंप का 25 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की घोषणा प्रधानमंत्री जो निर्णय लेंगे सारा देश उनके साथ है सबको यह समझ लेना चाहिए कि हम सम्मान और एकता के लिए हर कष्ट झेलने के लिए तैयार हैं
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