मेरठ 19 अगस्त (प्र)। फलावदा थाना क्षेत्र से जुड़े एक मामले में सोमवार देर रात एसएसपी डा. विपिन ताडा ने थाना प्रभारी परीक्षितगढ़ (वारदात के वक्त थाना प्रभारी फलावदा) संजय द्विवेदी और फलावदा थाने में तैनात दरोगा योगेश गिरी पर गाज गिरा दी।
दोनों पर हत्या के प्रयास से जुड़े एक मामले में आर्थिक लाभ लेकर आरोपियों को क्लीन चिट देने और पीड़ित को ही जेल भेजने का आरोप लगा था। जांच में आरोप सही मिले, जिसके बाद दोनों को निलंबित कर दिया गया।
मामला फलावदा के ग्राम नगला हरेरू गांव का है। जहां रहने वाला हमदान पुत्र सरफराज 25 अप्रैल को जेल से जमानत पर बाहर आया। दो दिन बाद 27 अप्रैल को हमदान अपने ममेरे भाई सब्बू उर्फ सबाउद्दीन पुत्र रजीउद्दीन के साथ खेत पर काम करने पहुंचा, जहां खुर्रम पुत्र समी, कल्लू पुत्र मोबीन, नकीब पुत्र नईम, टाटी उर्फ रूवेज पुत्र अकलीम व दो अज्ञात ने उन पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी। एक गोली सब्बू की जांघ में लग गई। शोर शराबा होने पर आरोपी भाग निकले। सब्बू को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात में ही फलावदा थाने में हमदान की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।
मुकदमा पंजीकृत होने के बाद उसकी जांच फलावदा थाने के दरोगा योगेश गिरी को मिली। जबकि सुपरविजन तत्कालीन थाना प्रभारी संजय द्विवेदी का रहा। आरोप है कि संजय द्विवेदी व योगेश गिरी ने निजी आर्थिक लाभ के लिए हमलावरों से सांठगांठ कर ली और उन्हें क्लीनचिट दे दी। यही नहीं उन्होंने इस मामले को दबाने के लिए पीड़ित को ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
करीब एक सप्ताह पहले इस मामले में हमदान पक्ष ने एसएसपी डा. विपिन ताडा से शिकायत की। एसएसपी ने मामले में पूरी गंभीरता दिखाई और विवेचक को तलब कर लिया। विवेचक के जवाब से शक और ज्यादा गहरा गया। एसएसपी ने पूरे मामले में गोपनीय जांच बैठा दी। एक सीओ ने पूरे मामले की जांच की, जिसमें थाना प्रभारी व विवेचक दरोगा पर आरोप सही पाए गए।
सीओ की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद सोमवार देर रात एसएसपी ने थाना प्रभारी संजय द्विवेदी और विवेचक दरोगा योगेश गिरी को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने रात में ही क्राइम ब्रांच से इंस्पेक्टर विजय कुमार राय को परीक्षितगढ़ थाने का चार्ज सौंप दिया। रात में ही उन्होंने थाने पहुंचकर चार्ज भी संभाल लिया। एसएसपी ने विभागीय जांच बैठा दी है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को जांच सौंपी गई है।
