मेरठ 19 अगस्त (प्र)। एलेक्जेंडर एथलेटिक्स क्लब की 17 की एजीएम के बाद अब चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। अभी तक जो नजर आता है उससे यह लगता है कि इस बार चुनाव जरूर होगा तथा मुकाबला संजय कुमार द अध्ययन जेपी अग्रवाल, संजीव रस्तोगी ग्रुप और राकेश जैन अमित संगल गौरव अग्रवाल विपिन अग्रवाल ग्रुप के उम्मीदवारों के बीच जोरदार चुनावी घमासान होना तय है।
आज संजय कुमार द अध्ययन ग्रुप के सदस्यों ने बनाये परिवर्तन ग्रुप की बैठक दिन में 3 बजे और इसके आसपास ही वर्तमान समय में क्लब की सत्ता संभाल रहे ग्रुप की अलग अलग बैठकें होना बताई जा रही है। उम्मीदवार कोई भी आये लेकिन दोनों ग्रुप अपने अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे अभी से कर रहे है। और बताते है कि आज शाम तक या कल 20 को दोनों गुट अपने अपने उम्मीदवारों की अधिकारिक घोषणा करेंगे।
क्लब के चुनाव को लेकर सदस्यों में पहली बार कई नई चर्चाऐं उभरकर आ रही है। दोनों गुट के लोग उस पर खरे उतरेंगे या नहीं यह समय बतायेगा। मगर सुझाव देने वाले सदस्यों की कोई कमी नहीं है। मगर संबंध क्योंकि एक दूसरे से मजबूत है इसलिए खुलकर कोई कुछ नहीं कह पा रहा हैं। हां प्रत्याशी घोषित होने के बाद ज्यादातर खुलकर सामने आयेंगे।
स्वच्छ छवि का हो चुनाव अधिकारी, विपिन सोढ़ी जीएस सेठी डा0 ब्रजभूषण गोयल ठाकुर संजीव प्रताप सिंह के नाम
पूर्व में जब जब चुनाव हुए तब तब जो भी सत्ताधारी दल क्लब में रहा उसके द्वारा जिसे चुनाव अधिकारी बना दिया गया सभी उस पर सहमत नजर आते थे लेकिन इस बार जब से चुनाव की सरगर्मियां शुरू हुई है कुछ सदस्य यह कहते सुने जाते है कि पारदर्शी वातावरण में चुनाव संपन्न हो और निर्वाचन अधिकारी को लेकर कोई सवाल न उठाये इस हेतु स्वच्छ छवि के चुनाव अधिकारी बनाये जाए तो अच्छा है। इस बारे में कुछ जागरूक सदस्यों का मौखिक रूप से कहना था कि पूर्व में सुरेन्द्र प्रताप भट्टेवालों केे साथ क्लब का चुनाव संपन्न करा चुके एपेक्स ग्रुप के क्लब के वरिष्ठ सदस्य डा0 ब्रजभूषण गोयल देवेन्द्र सिंह डीएस सेठी और प्रखर वक्ता और विद्वान अधिवक्ता क्लब के सदस्य विपिन सोढ़ी को चुनाव अधिकारी बनाया जाए। जिससे अगर कोई किसी मुद्दे पर विवाद होता है तो एक के मुकाबले दो निर्णय लेकर मामले को शांत करा सके। अब देख यह है कि सत्ताधारी पक्ष सदस्यों की भावनाओं का कितना सम्मान करता है।
क्लब के वर्तमान पदाधिकारियों और पहली बार यहां के चुनाव मैदान में उतर रहे परिवर्तन ग्रुप के सदस्यों के बीच पदाधिकारी चैन को लेकर अभी भी पर्दे के पीछे रस्सा कशी चल रही है कुछ जिसे लड़ाना चाहते है वो मैदान में उतरना नहीं चाहते और जो उतरना चाहते है उन्हें ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य जिताउ नहीं समझ रहे इसीलिए जानकारों का कहना है कि उम्मीदवारों की घोषणा नहीं हो पाई है।
एक जुट हुए रस्तोगी
वैसे तो जब हाथ की पांचों अंगुल एक साथ नही होती तो सबकी सोच एक जैसी कैसे हो सकती है जहां भी कहीं चुनाव की बात आती है सभी बंट जाते है कभी कभी तो पति पत्नी और भाई भाई एक दूसरे के विपरित खड़े होते है। इसलिए मैं यह तो नहीं कह सकता कि सारे रस्तोगी एक साथ होंगे। मगर फिलहाल चुनाव लड़ने और लड़ाने वालों में प्रशंसात्मक रूप में एक चर्चा खूब सुनने को मिल रही है कि क्लब के चुनाव में सारे रस्तोगी एक होकर परिवर्तन ग्रुप के साथ खड़े है। और यह उनकी एकता और समाज को आगे बढ़ाने का संकल्प भी कह सकते है।
