Thursday, November 13

कलम से लड़ें शिक्षक लड़ाई: राकेश टिकैत

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मेरठ 29 सितंबर (प्र)। शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता को लेकर पल्लवपुरम स्थित एक निजी फार्म हाउस में विशाल शिक्षक महापंचायत का आयोजन किया। शिक्षक महापंचायत में विभिन्न जनपदों से जुड़े हजारों शिक्षा कर्मी पहुंचे। मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपनी लड़ाई कलम से लड़े। सड़क पर उनकी लड़ाई किसान यूनियन लड़ेगी। सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा।

भारतीय किसान यूनियन शिक्षक प्रकोष्ठ के बैनर तले आयोजित की गई महापंचायत कि अध्यक्षता गुर्जर सिंह खिलाड़ी और संचालन अनु चौधरी, डॉ. अजीत कुमार वर्मा व विनेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया। महापंचायत में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्यता को अव्यवहारिक बताते हुए जोरदार विरोध किया। शिक्षकों का कहना था 29 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को इस परीक्षा से मुक्त रखा जाए और उनकी नियुक्ति की सेवा शर्तों में किसी प्रकार का परिवर्तन न किया जाए।

महापंचायत को सम्बोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य करने संबंधी कोर्ट के आदेश को कई दिन बीत गए, पर अभी तक प्रदेश सरकार द्वारा अपील दायर न करना इस बात का प्रमाण है कि सरकार ही चाह रही है कि जो फेल होंगे उन्हें घर बैठाया जाएगा। जो परीक्षा में पास होंगे वह तो नौकरी कर लेंगे, मगर जिन शिक्षकों ने पुराने समय में नौकरी हासिल की अब वह कौन सी परीक्षा पास कर सकेंगे, उनकी तो नौकरी छूट ही जाएगी। नौकरी छूटने पर परिवार में झगड़ा होगा।

उन्होंने शिक्षकों को नसीहत दी कि वह इस आन्दोलन को ठंडा न होने दे। उन्होंने कहा कि बरेली में आइ लव मोहम्मद के नाम पर हुआ बवाल प्री प्लान था। जिसे हम आइ लव कहते हैं, वह हमारे दिल में है। भजन और भोजन दिखाने की चीज नहीं होती। जिस काम से विवाद पैदा हो वह नहीं होना चाहिए। कोई आइ लव मोहम्मद लिखेगा तो कोई आइ लव महादेव लिखेगा। सिर्फ आइ लव माई फ्लैग होना चाहिए।

महापंचायत में 22 सूत्रीय प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए। जिसमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, समान कार्य समान वेतन, परिषदीय शिक्षकों के स्थानांतरण वर्ष में दो बार, हॉफ डे सीएल की व्यवस्था, पति-पत्नी को गृह जनपद में तैनाती, रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति, शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य न कराना, पदोन्नति प्रक्रिया को पारदर्शी व समयबद्ध करना, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं व चौकीदार की तैनाती, भोजन माताओं के मानदेय में वृद्धि, अवकाश के दिनों में काम करने वाले शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश जैसी मांगें शामिल की गई।

महापंचायत में कहा विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के प्रति हो रहे उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगे और डिजिटल कार्यभार व पोर्टलों पर बेवजह रिपोर्टिंग की बाध्यता खत्म की जाए। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए ज्ञापन एसडीम मेरठ और क्षेत्राधिकारी दौराला को सौंपा।

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