Tuesday, October 14

लाखों की बैटरी के लिए करोड़ों की बसें हो रही कबाड़

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मेरठ 14 अक्टूबर (प्र)। शहरवासियों को सुखद सफर का अहसास कराने और पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तीन साल पहले शुरू की गई 51 इलेक्ट्रिक बसें वेंटीलेटर पर पहुंचने लगी हैं। करीब 60 लाख रुपये कीमत की बैटरी न आने से 10 करोड़ रुपये की 10 बसें लोहिया नगर इलेक्ट्रिक बस डिपो में कबाड़ हो रही है। बाकी बसें भी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम अपडेट नहीं होने और बैटरी की चार्जिंग कम होने के चलते कहीं पर भी बीच रास्ते में खड़ी हो जाती हैं। बसों की हालत इतनी खराब है कि बस चालकों को अपनी टूट चुकी सीटों के नीचें ईंटें लगाकर बस चलानी पड़ रही हैं। मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के तहत चल रही इलेक्ट्रिक बस सेवा निजी कंपनी पीएमई ने कॉट्रेक्ट के आधार पर दी हुई है। बस पर कंपनी के ही चालक है और रखरखाव भी कंपनी का ही है। सरकारी कंपनी एमसीटीएसएल पीएमई कंपनी को प्रति किलोमीटर की दर से सेवा भुगतान करती है।

एक बैटरी 6 लाख की और बस 1 करोड़ की
कंपनी से जानकारी के अनुसार 28 सीटर इलेक्ट्रिक बस की कीमत करीब 1 करोड़ रुपये है। बस में 5 बैटरी का पैक लगा होता जिसमें प्रत्येक बैटरी की कीमत करीब 6 लाख रुपये होती है। हर बस की एक-एक बैटरी खराब है।

● इलेक्ट्रिक बस डिपो के पास कुल इलेक्ट्रिक बसें 51
● वोल्वो बसें 07
● बैटरी के अभाव और अन्य कारणों से डिपो में खड़ी बसें 10
● बंद हो चुकी सीएनजी सिटी बसें 96

एमसीटीएसएल एमडी संदीप कुमार नायक का कहना है कि बैटरी के अभाव में जो बसें खड़ी हैं उनकी बैटरी मंगाने के लिए बस सेवा प्रदाता कंपनी को कई बार कहा जा चुका है। इसकी जानकारी ऊपर भी दी जा चुकी है। अब जो बसें बची है उन्हें ही संचालित किया जा रहा है।

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