मेरठ 14 अक्टूबर (प्र)। अवैध पटाखे की एक सूचना पर सोमवार को ब्रह्मपुरी पुलिस ने भाजपा नेता के घर पर छापा मार दिया। करीब पंद्रह मिनट तक पूरा घर खंगाला लेकिन पटाखे नहीं मिले। आरोप है कि जब भाजपा नेता ने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तो चौकी इंचार्ज धमकी पर उतर आए।
सूचना पर भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा भी पहुंच गए। बाद में एसएचओ ने कार्रवाई का भरोसा दिलाकर सभी को शांत किया।
ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के माधवपुरम में भाजपा नेता सुमित बंसल परिवार के साथ रहते हैं। वह माधवनगर मंडल के अध्यक्ष हैं। उन्होंने घर के अगले हिस्से में ही सेनेट्री स्टोर खोला हुआ है। सोमवार दोपहर करीब सवा बजे 10-12 पुलिसकर्मी मोबाइल से वीडियो बनाते हुए उनके घर में घुस गए।
पुलिस को देख अंदर मौजूद लोगों में खलबली मच गई। शोर सुनकर सुमित नीचे आए और पुलिसकर्मियों के घर में इस तरह घुसने पर आपत्ति की। चौकी इंचार्ज हरिओम गौतम के नेतृत्व में पुलिसिया अंदाज में सारे पुलिसकर्मी अंदर तक घुसते चले गए। घर में घुसते ही पुलिसकर्मियों ने अपराधी की तरह सर्च अभियान चलाना शुरु कर दी। सुमित पूछते रहे लेकिन कोई बताने को तैयार नहीं था। अचानक चैकी इंचार्ज बोले- रात तुम्हारे घर पर पटाखे की गाड़ी उतरी है। बताओ, कहा रखे हैं पटाखे।
सुमित ने इसे अफवाह बताया लेकिन इसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें साथ लेकर घर की एक एक अलमारी और ट्रंक खंगालते रहे। करीब पंद्रह मिनट बाद पुलिसकर्मी घर के भीतर से खाली हाथ बाहर आ गए। कुछ ना मिलने के बाद जब पुलिसकर्मी बाहर निकल आए तो सुमित ने अपने चाचा जो इसी मंडल में उपाध्यक्ष हैं, उन्हें बुला लिया। सुमित ने राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर से शिकायत करने की बात कही।
आरोप है चौकी इंचार्ज हरिओम गौतम ने धमकी दी कि अगर किसी से शिकायत की तो घर से पटाखे बरामद भी हो सकते हैं। थोड़ी नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिसकर्मी वहां से चले गए। सीसीटीवी कैमरे में पुलिसकर्मी जाते दिखाई दे रहे हैं।
करीब दो घंटे बाद भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा, सुमित बंसल के घर पहुंच गए। सुमित ने पूरा मामला बताया तो कमलदत्त शर्मा ने फोन कर एसएचओ को बुला लिया। भाजपा नेता ने पुलिस कार्यवाही पर नाराजगी जताई और उस व्यक्ति का नाम उजागर करने के लिए कहा, जिसके इशारे पर यह कार्रवाई की गई।
चौकी प्रभारी हरिओम गौतम का कहना है कि भाजपा नेता के घर पटाखों की सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर दबिश दी गई। इस दौरान वहां किसी से अभद्रता नहीं की गई। आरोप निराधार है।