बिहार विधानसभा के हो रहे चुनावों का परिणाम १४ नवंबर को आना है। सत्ता प्राप्ति का सेहरा किसके सिर बंधेगा और किसे मिलेगी मायूसी और अगले पांच साल का इंतजार यह तो समय ही बताएगा लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं कि विपक्ष का सूपड़ा साफ हो जाएगा। जो भी हो विपक्ष के नेता का कथन है कि वर्तमान सरकार की विदाई हो जाएगी।
मगर जिस प्रकार से इस चुनाव में बड़े नेताओं के असली नामों के बजाय उनका उपनाम करण हो रहा है उनमें से कुछ को पढ़कर तो मुस्कुराहट आने लगती है। क्योंकि एक खबर छपी कि राजद ने कांग्रेस की कनपटी पर कटटा रख सीएम का पद किया चोरी तो भाजपा नेता उमा भारती का बयान आया कि पप्पू टप्पू यूपी के सीएम योगी ने इंडिया गठबंधन के तीन बंदर अप्पू, पप्पू, टप्पू सच बोल ही नहीं सकते का बयान दिया। राहुल तेजस्वी और अखिलेश तो कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी का कहना है कि प्रधानमंत्री जी अपमान मंत्रालय बना ले समय बचेगा। तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि भाजपा की गप्पू चप्पू की जोड़ी बिहार को गिरवी रखना चाहती है। दूसरी तरफ तेजस्वी के दावे को चिराग पासवान ने मुंगेरी लाल के सपने कहकर उनका मजाक बनाया। कुल मिलाकर जैसा नामकरण और व्यंग्यबाजी इस चुनाव में हो रही है शायद पहले इतना नहीं थी। जैसे जैसे राजनीति में बदलाव आ रहा है उसे देखकर लगता है कि भविष्य में ऐसे व्यंग्य और नामकरण एक दूसरे को नीचा दिखाने के प्रयास कम होने के बजाय आगे और बढ़ेंगे। क्योंकि प्रधानमंत्री जी द्वारा राजद कांग्रेस को विनाश की पहचान और राजग को विकास का प्रतीक बताया गया है। कटटे पर तेजस्वी का कहना है कि जैसी सोच वैसी बात। तो इनके भाई तेजप्रताप ने कहा कि राहुल को रसोईया होना चाहिए था।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
बिहार चुनाव में नेताओं के नए नए नामकरण और व्यंग्य
Share.
