Wednesday, November 12

‘वन्दे मातरम’ के 150 वर्ष: सांसद बोले- वंदे मातरम से विरोधियों को बेनकाब करेगी भाजपा; 8-15 नवंबर तक आयोजित होंगे कार्यक्रम

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मेरठ 06 नवंबर (प्र)। वन्दे मातरम की रचना के 150 वर्ष पूरे होने पर शहर में विशेष जागरूकता और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने प्रेस वार्ता में बताया कि वन्दे मातरम केवल गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा और स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में स्कूलों, कॉलेजों, सांस्कृतिक संस्थानों और सामाजिक मंचों पर विचार गोष्ठियों, राष्ट्रभक्ति कार्यक्रमों और ऐतिहासिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा।

सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता कर राज्यसभा सांसद डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई, सांसद अरुण गोविल, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल और कमल दत्त शर्मा ने संयुक्त रूप से 8 नवंबर से 15 नवंबर तक होने वाले कार्यक्रमों के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 1 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर उत्सव के रूप में मानने और राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम करने का निर्णय लिया था। इस श्रृंखला में यह कार्यक्रम आयोजित होंगे।

डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और वंदे मातरम गीत के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से परिचित कराना है। युवाओं को यह भी बताया जाएगा की समय-समय पर किस तरह से इसका विरोध किया गया और कौन इसका विरोध जताने वाले थे।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह वही वंदे मातरम है जिसे गाते हुए देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गए। कांग्रेस शुरू से इसका विरोध करती रही है। शुरुआत तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष मौलाना अली ने की। अकबरुद्दीन ओवैसी भी शासन के उस निर्णय का विरोध कर चुके हैं जिसके अंतर्गत स्कूलों में इसे अनिवार्य किया गया था।

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