मेरठ 10 नवंबर (प्र)। ईव्ज चौराहा के पास मनोहर लाल सर्राफ एंड ज्वेलर्स परिवार में प्रॉपर्टी को लेकर घमासान मचा है। यहां दो भाइयों के परिवार के बीच जमकर झगड़ा हुआ। बुजुर्ग महिला सुनैना ने आरोप लगाया कि उनके ही घर का मेन गेट लॉक करके उन्हें बंधक बना दिया गया। सुनैना ने बताया कि जिस जगह उनकी कार खड़ी है वह उनकी संपत्ति है और उनके पास एसीएम सिविल लाइन कोर्ट का आदेश भी है, जो उनके पक्ष में है।
रविवार को एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा के संज्ञान में आने पर पुलिस मौके पर पहुंची और मेन गेट खोला। देर तक दोनों पक्षों की बात सुनी गई, लेकिन विवाद का समाधान नहीं हो सका। पुलिस ने कहा कि लेखपाल से जगह की पैमाइश करवाएं, तभी विवाद सुलझेगा। साथ ही आगे शांति भंग न हो, यह कहकर पुलिस लौट गई। सुनैना ने खुलासा किया कि संपत्ति पर कब्जा करने की साजिश की जा रही है। उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिली हैं। उन्होंने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अपनी सुरक्षा और अधिकार की मांग की। मामले की गंभीरता इस बात में भी है कि विवादित पक्ष ने अभी तक अपना बयान सार्वजनिक रूप से साझा नहीं किया।
संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करें प्रशासन स्थानीय लोग और पड़ोसी भी प्रशासन और पुलिस पर दबाव डाल रहे हैं कि वे निष्पक्ष जांच कर बुजुर्ग महिला की सुरक्षा और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करें। सूत्रों के अनुसार, यदि सुरक्षा और कानूनी मदद नहीं मिली तो सुनैना मजबूर होकर सख्त कदम उठाने को तैयार हैं। प्रशासन पर अब तुरंत निष्पक्ष समाधान निकालने का दबाव है।
मेरी जान को खतरा, इंसाफ के लिए अकेली लड़ रही हूं : सुनैना
सिविल लाइन क्षेत्र में बुजुर्ग महिला सुनैना ने दूसरे पक्ष पर कोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि एसीएम सिविल लाइन कोर्ट ने उनके पक्ष में सुरक्षा के आदेश जारी किए थे। इसके बावजूद दूसरे पक्ष ने कोठी का मेन गेट बंद कर दिया और ताला तक जड़ दिया सुनैना का कहना है कि कोर्ट ने साफ निर्देश दिए हैं कि गेट बंद नहीं किया जाएगा, लेकिन आदेश का कोई असर नहीं दिख रहा। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश की कोई इज्जत नहीं की जा रही है। अगर ये लोग इतनी हिम्मत कर सकते हैं तो कुछ भी कर सकते हैं। मुझे अपनी जान का खतरा है। बुजुर्ग सुनैना ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे घर में अकेली रहती हैं और जिस प्रॉपर्टी पर विवाद है, वह उनके नाम पर है। उन्होंने भावुक होकर कहा कि आज में इंसाफ के लिए अकेली खड़ी हूँ, मैंने अपने हक की लड़ाई खुद लड़ी है। सुनैना ने यह भी बताया कि अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब वर्ष 2013 में बंटवारा हुआ, तब उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया। इस पर उनका कहना है, तब मेरी बेटी दिल्ली में थीं, मैं और मेरे पति ही थे उस समय विरोध करना संभव नहीं था। उन्होंने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराया जाए और उन्हें हर हाल में सुरक्षा दी जाए।
