मेरठ 20 नवंबर (प्र)। भारत सरकार के चुनाव अभियान को जमीनी स्तर पर आयोग की और विश्वसनीय परियोजना एसआईआर अभियान को जमीनी स्तर पर गंभीर लापरवाही का सामना करना पड़ रहा है। सरकार द्वारा नियुक्त बीएलओ ही इस अभियान को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। तीन नवंबर से 3 दिसंबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान की शुरुआत ही समय पर नहीं हुई। अधिकांश क्षेत्रों में अभियान 15 नवंबर के बाद शुरू किया गया, वह भी बेहद सीमित दायरे में।
ग्रामीणों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पल्हेड़ा में बीएलओ घर- घर जाकर फॉर्म नहीं बांट रहे हैं। कुछ चुनिंदा स्थानों पर बैठकर खाना पूरी की जा रही है। मतदाता अपने घर, दुकान, व्यवसाय और नौकरी छोड़कर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बीएलओ की ओर से उनसे कोई संपर्क नहीं किया जा रहा है भाजपाइयों ने आरोप लगाया कि आज 20 तारीख हो गई, लेकिन उन्हें अब तक स्पर्श नहीं किया गया है। बूथ 52 की बीएलओ पर आरोप है कि उसने अपनी जगह किसी अन्य महिला को भेज रखा है, जबकि वह स्वयं गायब रहती है। कार्यकर्ताओं का यह भी कहना है कि भाजपा समर्थक परिवारों के पास फॉर्म पहुंचाने में जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाया कि जब फॉर्म ही नहीं दिए जा रहे समय पर फॉर्म वापस कैसे होंगे? और यदि किसी फॉर्म में गलती या फट जाए तो उसके समाधान की जिम्मेदारी कौन लेगा? उनका कहना है कि बीएलओ का डोर-टू-डोर अभियान सिर्फ कागजों में चल रहा है, जमीन पर नहीं । इस लापरवाही को लेकर भाजपाइयों में भारी आक्रोश है। उन्होंने आज बैठक कर चेतावनी दी कि यदि 23 नवंबर तक हर घर में फॉर्म नहीं पहुंचाए गए, तो 24 नवंबर को जिलाधिकारी से मुलाकात कर पूरे प्रकरण की शिकायत दर्ज कराई जाएगी। साथ ही बीएलओ और उनके सुपरवाइजर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। बैठक में शीलेंद्र चौहान, सुमित चौहान, विनोद पाल, रणबीर चौहान आदि मौजूद रहे।
खेवान में जाने को तैयार नहीं बीएलओ, कार्रवाई की मांग
एसआईआर को लेकर अधिकारियों की सख्ती के बाद भी कुछ बीएलओ अब भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। सरधना के खेवान मोहल्ले में बीएलओ अभी तक नहीं गई है। हालत यह है कि बीएलओ लोगों का फोटो रिसीव करने को भी तैयार नहीं है मामले को लेकर बुधवार को आसपा के लोगों ने तहसील पहुंच कर अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की। तहसील पहुंचे लोगों ने कहा कि खेवान मोहल्ले में बूथ संख्या- 67 पर तैनात बीएलओ आज तक बस्ती में नहीं आई है। बस्ती में अभी तक एक भी व्यक्ति को एसआईआर के फार्म नहीं दिए गए है। जिसके चलते बस्ती के लोगों की वोट करने का खतरा बना हुआ है। आरोप है कि बीएलओ लोगों के फोन रिसीव करने को तैयार नहीं है। यहां तक की सुपरवाइजर ने भी साफ कह दिया है कि फार्म बांटने का काम बीएलओ का है कुल मिलाकर बीएलओ की मनमानी के कारण लोग एसआईआर से वंचित हो रहे हैं। मामले को लेकर मंगलवार को बस्ती के लोग तहसील पहुंचे। उन्होंने नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए शीघ्र समस्या का समाधान कराने की मांग की। इस मौके पर आसपा के नगर अध्यक्ष सोहनवीर सिंह, जफर खान, सोहनपाल, सरफराज, विपिन, मनोज पाल आदि मौजूद रहे।
