Friday, November 21

आवासीय भूमि पर कार्मशियल और अवैध निर्माण! राजीव कुमार सहित हटाये गये अफसरों से हो वसूली भेजा जाए जेल, जैना ज्वैलर्स के विरूद्ध हो कार्रवाई

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मेरठ 20 नवंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। आवास विकास के क्षेत्र शास्त्रीनगर में चार मंजिला रायल प्लाजा एवं सेन्ट्रल मार्केट में जैना ज्वैलर्स के अवैध निर्माण को बचाने के साथ साथ शास्त्रीनगर जागृति विहार माधवपुरम मंगलपांड़े नगर आदि कालोनियों में रिहायशी भूमि पर कार्मशियल काम्पलैक्स और सरकारी जमीन घेरकर मानचित्र पास के नाम पर नक्शे के विपरीत हुए अवैध निर्माण कराने के लिए अपनी नियुक्ति के कुछ दिनों बाद से चर्चाओं में रहे अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार और उनके सहयोगियों को आवास आयुक्त डा0 बलकार सिंह जी द्वारा अब सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद यहां से हटाकर मुख्यालय से संबंध करते हुए उनके खिलाफ जांच की कार्रवाई भी शुरू की गई है। बताते चले कि अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार अधिशासी अभियंता आफताब अहमद सहायक अभियंता सौरभ कुमार आदि को हटाकर उनके स्थान पर राहुल यादव सतेन्द्र सिंह सौरव कुमार व अर्जुन वर्मा को भेजा गया है।

पाठकों में चर्चा है कि राजीव कुमार सहित उनके सहयोगियों को रायल होटल जैना ज्वैलर्स आदि का रिहायशी भूमि पर अवैध निर्माण और कार्मशियल काम्पलैक्स आदि के निर्माण को प्रोत्साहन देने और उन्हें बचाने के लिए हटाये गये अधिकारियों को मुख्यालय से संबंधता और जांच काफी नहीं है। इनके कारण जो आवास विकास का क्षेत्र सरकार की निर्माण नीति के विपरीत जाकर काफी बड़े स्तर पर विकसित हो गया। और पता होने तथा समाचार पत्रों में खबर छपने और माननीय न्यायालय द्वारा सख्त रूख अपनाने और उच्च अधिकारियों को तलब करने की कार्रवाई के बाद भी राजीव कुमार और उनके सहयोगियों ने जो अवैध निर्माण को बचाने के लिए बीती 17 नवंबर को जैना ज्वैलर्स का निर्माण सील कर उसके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को आगे बढ़ाने की बजाए उसे बचाने का जो प्रयास किया गया वो किसी भी रूप में सरकार की किसी भी नीति के तहत सही नहीं कहा जा सकता। पाठकों का मानना है कि इन अधिकारियो को पहले संस्पेड किया जाए और फिर इनके खिलाफ मुकदमे चलाए जाए और सरकार की जो इनकी कार्यप्रणाली के द्वारा राजस्व का जो नुकसान हुआ है उसकी वसूली इनके व्यक्तिगत साधनों से करते हुए नियम अनुसार इन्हें जेल भेजा जाना चाहिए क्योंकि शासन की निर्माण नीति के विपरीत काम कराकर इनके द्वारा एक प्रकार से सरकार के आदेशों का उल्लघंन किया गया है और इसके लिए संबंद्धता जांच की कार्रवाई पूर्ण नहीं है।

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