Saturday, December 27

बोगस फर्में बनाकर की 500 करोड़ की जीएसटी चोरी, स्क्रैप कारोबारी समेत 8 गिरफ्तार

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मेरठ 27 दिसंबर (प्र)। एसटीएफ ने बोगस फर्मों व फर्जी बिल काटकर 500 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी करने के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए लोगों में न्यू इस्लाम नगर लोहिया नगर निवासी दिलशाद मलिक, न्यू अशोक नगर दिल्ली निवासी रमेश पटेल, जहांगीरगंज अंबेडकर नगर निवासी अंकुर तिवारी, पटेल नगर गाजियाबाद के स्वतंत्र कुमार, करीम नगर नौचंदी निवासी मोहम्मद वसीम, जैदी गार्डन लिसाड़ी गेट निवासी मोहम्मद सुहैल, न्यू इस्लाम नगर निवासी जावेद मलिक, जैदी सोसाइटी नौचंदी निवासी इकरामुद्दीन के नाम शामिल हैं। इन सभी पर विभिन्न राज्यों और यूपी के कई जिलों में बोगस फर्मों का पंजीकरण कर फर्जी इनवाइस/ई-वे बिल के माध्यम से जीएसटी की चोरी कर करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व क्षति पहुंचाने का आरोप है। एसटीएफ आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।

एएसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि 2024 में लोहामंडी आगरा में धोखाधड़ी से संबंधित जीएसटी चोरी का केस दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच में एसटीएफ से सहयोग मांगा गया था। एसटीएफ की जांच में पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोगस फर्मों का पंजीकरण कराकर उसके माध्यम से फर्जी इनवाइसेज/ ई-वे बिल काटकर वास्तविक फर्मों को इनपुट टैक्स क्रेडिट बेच कर राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही थी।

इसे लेकर कई जिलों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एएसपी ने बताया कि दिलशाद मलिक ने मेरठ में ग्रांड स्क्वेयर प्लाजा हापुड़ रोड व गाजियाबाद में राणा एसोसिएट देविका चैंबर आरडीसी में एकाउंटेंसी संबंधी काम होता था, जहां आरोपी सुहैल, वसीम, अंकुर तिवारी, स्वतंत्र तिवारी, रमेश व जावेद काम करते थे। दिलशाद मलिक अपने साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बोगस फर्मे बनाने, बिना किसी खरीद के बोगस सेल्स इनवाइस काटने, बोगस ई-वे बिल तैयार कर जीएसटी पोर्टल पर अपलोड करने का काम करा रहा था। इसके आधार पर बोगस कंपनियों का फर्जी जीएसटी रिटर्न फाइल किया जाता था।

यह काम दिलशाद की ओर से खुद और अन्य साथियों को विभिन्न वास्तविक फर्मों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाता था। वास्तविक फर्म धारक अपना जीएसटी नंबर, माल, सेवा की किस्म, मात्रा, कीमत का विवरण दिलशाद को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा करते थे, जिस पर वह अपने कर्मियों के माध्यम से पूर्व में बनाई गई बोगस फर्मों के सेल्स इनवाईस, ई-वे बिल आदि विवरण जीएसटी पोर्टल पर अपलोड कराकर उक्त विवरण वास्तविक फर्म धारकों को उपलब्ध कराता था। इन बोगस इनवाईसेज में अंकित माल / सेवा की फर्जी परचेज को वास्तविक रूप देने के लिए संबंधित फर्मों द्वारा बैंक खातों के माध्यम से सेल्स इनवाइस में अंकित रकम बोगस फर्म के खाते में ट्रांसफर दिखाई जाती है।

दिल्ली-गुजरात-महाराष्ट्र समेत 20 राज्यों में फैला था जीएसटी चोरी का धंधा
एसटीएफ की जांच में पता चला है कि तामिलनाडु, केरल, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, नई दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, असम समेत 20 राज्यों के पतों पर कई बोगस फर्में पंजीकृत कराकर उनके माध्यम से जीएसटी चोरी कर राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही थी। एएसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह के मुताबिक उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों मेरठ, हापुड, गायिजाबाद, वाराणसी, नोएडा, कानपुर, लखनऊ, आगरा के पतों पर भी कई बोगस फर्मे पंजीकृत कराई गई थीं। इसी प्रकार आगरा में भी दो फर्म पंजीकृत हुई हैं, जिसमें शर्मा इंटरप्राइजेज नाम की फर्म के जरिए अकेले 137 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति की गई है। आरोपियों के मोबाइल पर 50 से अधिक ई-मेल आईडी लॉग इन होती थी। इनके माध्यम से बोगस फर्मों का पंजीकरण, फर्जी इनवाईस एवं ई-वे बिल काटने, जीएसटी रिटर्न फाइलिंग एवं बैंक ट्रांजेक्शन संबंधी ओटीपी प्राप्त किया जाता था। मोबाइल फोन में उपलब्ध बैंक ट्रांजेक्शन के अवलोकन से बोगस फर्मों के माध्यम से आरोपियों ने 500 करोड़ से अधिक धनराशि की जीएसटी चोरी कर राजस्व क्षति की गई है।

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