मेरठ, 07 दिसंबर (प्र)। आमरण अनशन पर बैठे सपा विधायक की ओर से मांग पत्र लेकर पहुंचे प्रतिनिधि मंडल को पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने खाली हाथ लौटा दिया। दरअसल, अधिकारियों का कहना था कि जो भी मांगे, लेकर यह प्रतिनिधि मंडल पहुंचा है, वह स्थानीय स्तर से पूरी नहीं की जा सकती हैं। शासन स्तर पर ही इन मांगों का लेकर कोई निर्णय लिया जा सकता है। जो मांग पत्र है वह शासन को भेज दिया गया है।
प्रतिनिधि मंडल जिसमें विजय राठी राष्ट्रीय प्रवक्ता, आदेश प्रधान एडवोकेट, आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी,धर्मेन्द्र चपराना, गोरियांक कोहला आदि मौजूद रहे। प्रतिनिधि मंडल की ओर से दिए गए मांग पत्र में प्राइवेट डाक्टरों की फीस दो सौ रुपए से कम कराए जाने, न्यूटिमा पर कार्रवाई में देरी की वजह, नर्सिंगहोमों में चल रहे मेडिकल स्टोरों पर कार्रवाई क्यों नहीं, सस्ती व अच्छी दवाओं की व्यवस्था कराए जाने की भी मांग की गयी। प्रतिनिधि मंडल में शामिल सूत्रों ने जानकारी दी कि जो अधिकारी इस दौरान मौजूद रहे उनका व्यवहार उचित नहीं था। किसी भी मांग पर सहमति नहीं बन सकी। इस दौरान मौजूद अफसरों से नोंकझोंक भी हुई और बाद में वार्ता विफल हो गयी। प्रतिनिधि मंडल ने अधिकारियों से दो टूक कह दिया कि जब तक मांगें पूरी नहीं की जाएंगी तब तक विधायक अतुल प्रधान का अनशन जारी रहेगा। सीएमओ कार्यालय में हुई वार्ता में एडीएम सिटी ब्रिजेश कुमार सिंह, एसपी सिटी पीयूष कुमार, सीएमओ डा. अखिलेश मोहन, मेडिकल प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता भी शामिल रहे।
प्रतिनिधिमंडल ने अधिकारियों के सामने ये रखी मांगे
डाक्टर की फीस 200 रुपये निर्धारित की जाए।
अवैध अस्पतालों पर तत्काल कार्रवाई हो।
मेडिकल स्टोर अस्पताल से बाहर होने चाहिए।
अस्पताल के अंदर के स्टोर से दवाई लेने का मरीज पर दबाव नहीं बनाया जाना चाहिए।
अस्पताल के अंदर लैब से मरीज पर जांच को दबाव न बनाया जाये।