लखनऊ 11 दिसंबर। उत्तर प्रदेश रेरा ने रियल इस्टेट प्रोजेक्ट्स बैंक एकाउंट्स दिशा निर्देशों में संशोधन कर नए निर्देश जारी किए हैं। प्रत्येक परियोजना के लिए बिल्डरों को तीन खाते कलेक्शन एकाउंट, सेपरेट एकाउंट और ट्रान्जैक्शन एकाउंट खोलना अनिवार्य कर दिया गया है। नए निर्देशों से ग्राहकों के धन की सुरक्षा होगी और परियोजनाएं समय से पूरी हो सकेंगी।
रेरा ने परियोजना के सेपरेट एकाउंट से गारंटीड रिटर्न, ब्याज और अर्थदण्ड का भुगतान करने पर रोक लगा दी है। अब हर परियोजना में आवंटियों से भुगतान लेने के लिए एक ’कलेक्शन एकाउंट’ होगा। प्रोमोटर द्वारा परियोजना के विज्ञापनों, आवंटन पत्रों, अनुबन्धों और आवंटियों के साथ पत्राचार में इस एकाउंट को अनिवार्य रूप से दिया जाएगा।
नए बैंक खाते खोलने का नियम
यूपी रेरा में उत्तर प्रदेश के 3536 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हैं. पिछले साल यूपी रेरा ने नए प्रोजेक्टों के तीन नए बैंक खाते खोलने का नियम बनाया था. इनमें सेपरेट, कलेक्शन और ट्रांजेक्शन अकाउंट शामिल हैं. प्रोजेक्ट से जुड़ा पूरा पैसा कलेक्शन अकाउंट में आएगा. बैंक स्वत: ही 70 फीसदी धनराशि सेपरेट और 30 फीसदी धनराशि ट्रांजेक्शन अकाउंट में भेजेंगे.
विकास कार्यों पर ही खर्च होगी धनराशि
सेपरेट एकाउंट की धनराशि प्रोजेक्ट की भूमि, निर्माण और विकास कार्यों पर ही खर्च होगी. केवल निर्माण के लिए बैंक ऋण का सामान्य भुगतान ही कर सकेंगे. पिनल या कंपाउंड इंटरेस्ट, आवंटियों को ब्याज, मुआवजे का भुगतान नहीं कर सकेंगे.
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि रेरा के वेब पोर्टल पर परियोजना के तीनों खातों की घोषणा और इन खातों का नियमों के अनुसार संचालन का सख्ती से पालन कराया जाएगा। इस फैसले से परियोजनाएं समय से पूरी होंगी। रेरा इन तीनों खातों के संचालन और मैनेजमेन्ट की कड़ी निगरानी करेगा ताकि प्रोमोटर द्वारा वित्तीय मामलों में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। बैंक खातों से सम्बन्धित निर्देश न मानने पर भारी दण्ड लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि धारा-8 के अन्तर्गत पुनर्वासित की जा रही परियोजना के लिए यूपी रेरा और भी सख्त नियम अपनाएगा।
रखी जाएगी निगरानी
चेयरमैन यूपी रेरा संजय भूसरेड्डी ने बताया कि इन तीनों अकाउंट की निगरानी रखी जाएगी. अगर कोई आदेश का पालन नहीं करेगा तो संबंधित बिल्डर पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी.
बिल्डरों के लिए नए निर्देश
-बिल्डर परियोजना के पंजीकरण आवेदन के साथ कलेक्शन एकाउंट, सेपरेट एकाउंट और ट्रान्जैक्शन एकाउंट का ब्योरा रेरा में देगा
-इन खातों के खाताधारक में प्रोमोटर और परियोजना दोनों के नाम होंगे। इनका संचालन प्राधिकृत डायरेक्टर या पार्टनर ही कर सकेगा
-परियोजना के लिए बैंक या वित्तीय संस्थाओं से ली गई सेक्योर्ड व अन्सेक्योर्ड कर्ज की पूरी धनराशि ‘सेपरेट एकाउंट’ में जमा करना अनिवार्य होगा
-सेपरेट एकाउण्ट की धनराशि परियोजना की जमीन, परियोजना के निर्माण और विकास कार्यों पर ही खर्च की जा सकेगी
-प्रोमोटर इस खाते से परियोजना के निर्माण को लिए गए बैंक लोन पर सामान्य ब्याज का भुगतान कर सकेगा लेकिन पेनाल्टी, चक्रवृद्धि ब्याज और आवंटियों को ब्याज या मुआवजे का भुगतान नहीं कर सकेगा।
-बैंक सेपरेट एकाउंट से धन निकालने की अनुमति के लिए सीए, इंजीनियर और आर्किटेक्ट के तीन प्रमाण-पत्र ही मान्य करेंगे
-सेपरेट एकाउंट से धन निकालने के लिए चेक, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, डिमांड ड्राफ्ट और बैंक गारंटी पर रोक लगा दी गई है