अंबाला, 12 दिसंबर। अंबाला में गला रेतकर बहन की हत्या करने वाला भाई कर्ण उर्फ कालू अनिल विज के आवास पर सरेंडर करने से पहले लाइव आया। वीडियो में बहन के पति समेत अंबाला के स्थानीय नेता पर बहन को कॉल करने के गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं की वजह से खून के आंसू रोने पड़ रहे हैं। उसने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े बदमाशों के साथ संपर्क में रहने की बात कही है। कर्ण ने कहा कि वह अपनी बहन की हत्या करने के लिए मजबूर हो गया था। मेरठ में झूठ बोलकर उसकी बहन की शादी कराई गई थी। उसकी बहन का डॉट-कॉम पर रिश्ता हुआ था। दोनों के मांगलिक की बात कहकर 9 दिन में शादी कर दी गई थी। शादी के कुछ दिन बाद ही उसका बहनोई उसकी बहन को चौक पर छोड़कर चला गया था। उसकी बहन लिफ्ट लेकर घर तक पहुंची। उस दिन उसने सोच लिया था कि हमारी बहन मर गई। उस दिन उसकी बहन को कोई न कोई मार देता, फर्क इतना है कि अब उसने अपनी बहन को मार दिया।
कालू ने कहा कि उसने उसी दिन रिश्ता तोड़ने की बात कही थी, लेकिन उसके माता-पिता बेटी का घर बसाना चाहते थे। वे अपनी बहन के पास हजारों रुपए भेजते थे। जिस दिन उसकी बहन को बीच सड़क पर छोड़ दिया था, वह ससुरालियों की गलती नहीं गुनाह था, जो आज ये कांड हुआ। कालू ने कहा कि दूसरी वजह एक स्थानीय नेता है, आज से 10 दिन पहले वह सफाई के लिए उनकी गली में आया था। ये गंदा नेता है। क्या दिन देखने पड़ रहे हैं। आज हमारी बहन को चाकू घोंपने पड़े। कल हमारी बहन के बयान हो रहे थे। इस बंदे (स्थानीय नेता) ने हमारी बहन को फोन कर रखे थे। वह नाती, पोते वाला बंदा है, इसकी वजह से कल रात को ये हुआ है। पहले भी उसकी बहन के फोन पर कॉल आई हुई थी। उसने कल ही फोन चेक कर लिया था।
कालू ने कहा कि ऐसा गंदे इंसान को वक्त ही जवाब देगा। इस इंसान को वक्त आने पर ही जवाब देंगे। आज नेता और जीजा अंकुर की वजह से यह सब हुआ है। शुरुआत मेरठ वालों की और अंत इनकी (स्थानीय नेता) वजह से हुआ है। कोई बात नहीं आज हमारी बहन मरी है, लेकिन इन्हें आने वाले समय पर पता चलेगा। मैं अपने मां-बाप से सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि मुझे माफ करना। हे बहन-मुझे माफ करना। अपने भाई से भी मुझसे जो हुआ वह मजबूरी थी एक।
कालू ने कहा कि उन्हें 8 माह से यह भी पता चल रहा था कि उसकी बहन ने आज तक किसी से एक रुपया नहीं मांगा, लेकिन बहन शादी के बाद 10-10 रुपए के लिए मोहताज हो गई। अब हर रोज उनके पास पैसे मांगने के फोन आते थे। धमकी देते हुए कहा कि अंकुर और ओंकार सिंह याद रखना, इसका अंजाम बहुत बुरा हुआ है। हम कल मरते आज मर जाएं। पूरी जिंदगी जेल काट लेंगे। कोई बात नहीं।
कालू ने गृह मंत्री अनिल विज से गुहार लगाते हुए कहा कि मैं कोर्ट या विज साहब के दफ्तर पर आत्मसमर्पण कर दूंगा। ओंकार सिंह, अंकुर और अंकुर के चाचा पर पर्चा दर्ज कर कार्रवाई की जाए। अंकुर के चाचा ने कहा था कि तुम्हारी बेटी ऐसी है। हम तो कभी के मार देते। हमारी बहन के पास फोन भी नहीं था। शादी के बाद ही मोबाइल दिलाया था, जब उसकी बहन को सड़क पर अकेला छोड़ गए थे। कोई बात नहीं, जिसकी जितनी जिंदगी थी वह उतना ही जिएगा। आज हमारा वक्त-जिंदगी बर्बाद हुई है। आगे इनकी और इनके बच्चों की जिंदगी भी नर्क होगी। परमात्मा के घर में देर है अंधेर नहीं। मेरे पास कोई शब्द नहीं है। कालू ने मेरठ से भांजी को बुलाकर बहन का अंतिम संस्कार कराने की गुहार भी लगाई है।