मेरठ 01 जनवरी (प्र)। इस वर्ष नये साल का स्वागत करने वालों पर धार्मिक आस्थाओ का भरपूर असर दिखाई दिया। क्योंकि इतनी भींड 31 दिसंबर 2023 की विदाई के मौके पर देखने को नहीं मिली क्योंकि जितने लोग होटलों में जश्न मनाने गये उससे कई गुना ज्यादा आज मंदिरों और धार्मिक स्थानों पर पहुंचे। और भगवान की आराधना व पूजा कर नववर्ष का स्वागत करते हुए धर्म के क्षेत्र से जुड़े महापुरूषों का आशीर्वाद लिया। आज सुबह से ही देशभर में टीवी व सोशल मीडिया के माध्यम से मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थानों पर भारी तादाद में नागरिकों के जुटने और अपने अपने हिसाब से ऊपर वाले की आराधना करने वालों का जो जमघट लगा होने की खबर मिल रही थी वो दोपहर तक जारी रहा। धार्मिक सामाजिक और स्वत्रंतता संग्राम के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक जनपद मेरठ के प्रसिद्ध काली पलटन औघड़नाथ मंदिर में आज सुबह से ही जो भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हुई वो जैसे जैसे दिन निकला वो बढ़ती ही गई। कितने श्रद्धालु यह कहते सुने गये कि इतना हुजूम तो भक्तों का शिवरात्रि पर भी आसानी से नजर नहीं आता जितना आज है।
यहां भक्तों की भीड़ और आवागमन का अंदाज इससे लगा सकते है कि मंदिर जाने वाले मार्ग पर भक्तों के सिर ही सिर दिखाई दे रहे थे तथा वेस्ट एण्ड रोड़ से मंदिर जाने वाले रास्ते पर काफी देर तक लोगों को जाम में फंसे रहना पड़ा। जिसे पुलिस भी आसानी से नहीं खुलवा पा रही थी। यही हाल महानगर व जनपद के मंदिरों व धार्मिक स्थानों का था भक्त आ रहे थे और पूजा पाठ कर 2024 खुशहाली से बीते इसका आशीर्वाद लेकर भगवान से जा रहे थे। कुलमिलाकर यह कह सकते है कि इस बार नववर्ष पर नागरिकों की धार्मिक आस्था में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी दिखाई दी। कुछ लोगों का कहना था कि अयोध्या में भगवान राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा के लिए होने वाले समारोह के कारण आई जागरूकता का परिणाम है। जो भी हो यह अच्छा था। क्योंकि अगर आदमी धार्मिक आस्था बनाये रखे और पूजा पाठ में ध्यान दे तो काम में बढ़ोत्तरी घर में खुशहाली आती है ऐसा कई बुजुर्गो का कहना था।