मेरठ 17 मई (प्र)। मेरठ कैंट के सिविल एरिया हस्तांतरण प्रस्ताव को लेकर गुरुवार को जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कैंट बोर्ड और नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें मेरठ कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने हस्तांतरण प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह अधूरा है। इसलिए हस्तांतरण प्रस्ताव पर दोबारा विचार किया जाए। जिलाधिकारी ने कमेटी को कैंट विधायक के सुझावों पर अवलोकन कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
कैंट के सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल करने के लिए कैंट बोर्ड ने हस्तांतरण प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें 436.20 एकड़ भूमि नगर निगम को हस्तांतरित की जानी है। इस पर बसने वाली करीब 41,078 आबादी नगर निगम में शामिल होगी। 1200 संपत्तियां निगम में जाएंगी। कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने जिलाधिकारी को चिह्नित सिविल क्षेत्र का नक्शा दिखाते हुए हस्तांतरण प्रस्ताव के बारे में समझाया।
दिल्ली रोड मेहताब सिनेमा से फैज आम इंटर कालेज, तहसील, भैंसाली रोडवेज के पीछे से होते हुए बेगमपुल तक, फिर बेगमपुल से आबूनाला होते हुए मिस्टर टाक की दुकान, कैंट बोर्ड कार्यालय वाले रास्ते से पेट्रोल पंप होते हुए सेंट मेरीज एकेडमी के पीछे से रजवन फुटबाल मैदान, काली माता मंदिर से रेसरोड तक, रेसरोड से मल्होत्रा एंक्लेव होकर 210 बी तक, यहां से वेस्ट एंड रोड एसडी सदर स्कूल होकर पुलिस स्ट्रीट से होते हुए मेहताब सिनेमा तक इस बीच का समग्र सदर, रजवन क्षेत्र, आबूलेन, बांबे बाजार का आवासीय व बाजार क्षेत्र नगर निगम में शामिल किया जाएगा। साथ ही लालकुर्ती, तोपखाना का आवासीय व बाजार क्षेत्र भी नगर निगम में शामिल किया जाएगा। सदर थाना, लालकुर्ती थाना, शहीद स्मारक दिल्ली रोड, आयकर भवन, नादिर अली बिल्डिंग भी निगम में जाएंगे।
कैंट बोर्ड से संचालित कैंटोनमेंट अस्पताल, पंप हाउस, सीएवी इंटर कालेज, आधारशिला स्कूल, रजवन, तोपखाना और लालकुर्ती के प्राथमिक स्कूल, सामुदायिक शौचालय, 1,300 स्ट्रीट लाइट जलापूर्ति व सीवेज नेटवर्क, छह पानी की टंकियां भी निगम को दिए जाएंगे हस्तांतरण प्रस्ताव में कैंट क्षेत्र के 22 बी, 210 बी समेत सभी बंगला एरिया बीआइ लाइंस, बीसी लाइंस, रेसरोड, वेस्ट एंड रोड, माल रोड से जुड़े बंगले कैंट में ही रहेंगे। भूसा मंडी, औघड़नाथ मंदिर, गांधीबाग कैंट क्षेत्र में ही रहेंगे।
बैठक में नगर आयुक्त डा. अमित पाल शर्मा, कैंट बोर्ड के सीईओ ज्योति कुमार, कैंट बोर्ड के मनोनीत सदस्य डा. सतीश चंद्र शर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
मेरठ कैंट विधायक ने दिए ये सुझाव
• सदर बाजार, रजबन बाजार, लालकुर्ती बाजार, तोपखाना बाजार वाला क्षेत्र तीन या चार पाकिट के रूप मैं नगर निगम को दिया जाना प्रस्तावित है, जो अव्यवहारिक है क्योंकि तोपखाना व आरएबाजार किसी भी दशा में नगर निगम की सीमा से तब तक नहीं मिल पाएगा जब तक बंगला एरिया को हस्तांतरण प्रस्ताव में शामिल नहीं किया जाएगा।
• माल रोड (गांधी पथ) को भी हस्तांतरण प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है, जबकि कुछ बंगलों को छोड़कर सभी बंगलों में नागरिक रहते हैं। यह मार्ग कंकरखेड़ा, सरधना, करनाल रोड के माध्यम से हरियाणा, पंजाब तथा गढ़ हापुड़ रोड द्वारा कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज को जोड़ता है। इसे निगम में शामिल करना अत्यंत जरूरी है।
• छावनी क्षेत्र के वे बंगले जिसमें नागरिक 100 वर्षों से भी अधिक समय से रहते चले आ रहे हैं। सेना के प्रयोग में न आकर सिविल प्रयोग में आते हैं। इनको भी नगर निगम में शामिल किया जाना चाहिए।
• माल रोड के उत्तर में समानांतर एक सड़क प्राचीन काल से कसेरूखेड़ा टाउन एरिया से वर्तमान डोगरा रेजीमेंट, आरवीसी सेंटर के बीच से होते हुए कंकरखेड़ा (ग्राम दांतल, नंगलाताशी, कासमपुर, मुस्तफाबाद, बुखारपुरा एवं खुर्रमपुर को लिंक करते हुए सरधना तक जाती है, इस पर भी डोगरा रेजीमेंट से आरवीसी सेंटर के बीच डोगरा दुर्गा मंदिर के दक्षिण में तथा माल रोड के बीच लगभग 80 बंगले है। जिसमें 64 बंगले (लगभग 80 प्रतिशत) सिविलियन के प्रयोग में है ये सब हस्तांतरण प्रस्ताव में शामिल किये जाने चाहिए।
• सैन्य क्षेत्र का सीमांकन इस तरह हो कि उसकी गोपनीयता बनी रहे। उसमें आम नागरिक का आना- जाना ना हो।