मेरठ 09 दिसंबर (प्र)। राष्ट्रीय परशुराम परिषद इस बार के महाकुंभ में ऐसे गरीब परिवारों का सपना साकार करेगा जो महाकुंभ में जाना तो चाहते हैं लेकिन आर्थिक तंगी के कारण जा नहीं पा रहे हैं। परशुराम परिषद ऐसे लोगों को महाकुंभ में आने-जाने, ठहरने और भोजन आदि की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करायेगा। इतना ही नहीं महाकुंभ में लगने वाले परिषद के विशाल शिविर में भगवान श्री परशुराम जी की 51 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित होगी। परशुराम जी के जीवन पर आधारित गैलरी भी बनेगी। महाकुंभ के शुभारंभ से लेकर समापन तक राजनीतिक, आर्थिक, सामजिक एवं धार्मिक विषयों पर अहम निर्णय लिये जायेंगे। प्रसिद्ध कथा वाचकों के कार्यक्रमों के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम पूरे 45 दिन तक अनवरत रूप से चलते रहेंगे।
यह निर्णय यहां सर्किट हाउस में आयोजित परिषद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक में लिये गए। बैठक में महाकुंभ में होने वाले पूरे आयोजन पर विचार-विमर्श किया गया। स्थानीय स्तर पर और महाकुंभ में की जाने वाली व्यवस्थाओं के लिए पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां भी सौंपी गईं। उनके सुझाव भी लिये गए। राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक नि. राज्यमंत्री पं. सुनील भराला ने कहा कि महाकुम्भ परिसर में करीब एक लाख स्क्वायरफुट क्षेत्र में राष्ट्रीय परशुराम परिषद का शिविर (पंडाल) लगेगा, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए तमाम व्यवस्थाएं की जायेंगी। शिविर में होने वाले कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण मीडिया, सोशल मीडिया/इन्टरनेट मीडिया द्वारा किया जायेगा। कार्यक्रमों में भगवान श्री परशुराम जी की 1 लाख 8 हजार मूर्तियों का वितरण होगा, जो मंदिरों एवं घरों में स्थापित की जाएंगी। राष्ट्रीय परशुराम परिषद का उद्देश्य है कि हर सनातन हिन्दू के घर में अन्य देवी-देवताओं की तरह भगवान श्री परशुराम जी की मूर्ति भी स्थापित हो।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय परशुराम परिषद के वेवसाईट https://www.rashtriyaparshuramparishad. com शुरू हो गई है। जिस पर परिषद से जुड़ी तमाम जानकारियां उपलब्ध रहेंगी। पं. सुनील भराला ने कहा कि राष्ट्रीय परशुराम परिषद की राष्ट्रीय शोध पीठ ने भगवान श्री परशुराम जी के जन्मस्थान जनापाव इंदौर से जुड़े 56 स्थानों की खोज की है। शिविर में उनकी गैलरी बनाकर प्रदर्शनी के माध्यम से संपूर्ण जानकारी लोगों तक पहुंचाई जायेगी। उन 21 युद्धभूमि स्थानों की जानकारी भी दी जायेगी, जहां भगवान श्री परशुराम जी ने आतताइयों का वध करके साधू-संतों एवं गरीब पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य किया था। महाकुम्भ में आने-जाने वाले मार्गों पर भी भगवान परशुराम की बाल्यकाल, युद्धकाल व तपस्याकाल की सचित्र गैलरी बनायी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सनातन हिन्दुओं में भगवान परशुराम की जानकारी का आभाव है, जैसे भगवान श्री परशुराम ने 21 बार क्षत्रियों का विनाश नहीं किया था, उन्होंने 21 आततायी राक्षस राजाओं का वध किया था। इसके अलावा और जो भ्रामक जानकारी है, उसे भी पूरी तरह से शुद्धि करने का कार्य राष्ट्रीय परशुराम परिषद करेगा। श्री भराला ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भगवान परशुराम की एकात्म वैश्विक आवश्यकता, भगवान श्री परशुराम राष्ट्रीय नायक विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन, राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय स्तर के इतिहासकार, विद्वान, महापंडित शामिल होंगे। दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं दो दिवसीय ब्राह्मण सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत हजारों ब्राह्मण संस्थाओं के अध्यक्ष एवं महामंत्री शामिल होंगे, जिनकी संख्या लगभग 2000 रहेगी। सम्मेलन में राष्ट्रीय, आर्थिक, सामाजिक विषयों पर गहन चिंतन एवं मंथन होगा| पं. सुनील भराला ने सभी तैयारियां समय से पूरी करने को कहा।
बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय परशुराम परिषद के महाशिविर में 9 कुण्डीय महायज्ञ 13 जनवरी से प्रारंभ होगा, जिसमें आचार्य एवं यजमान सहित सैकड़ों लोग प्रतिदिन उपस्थित रहेंगे। 45 दिन तक महायज्ञ का कार्यक्रम अनवरत रूप से चलेगा। शिविर में सप्त ऋषि पंडाल बनेगा, जिसमें भारद्वाज ऋषि, गौतमऋषि, जमदग्नि ऋषि, कौशिक ऋषि, वशिष्ठ ऋषि आदि ऋषियों की जीवनी का भी उल्लेख होगा। पहली बार भगवान श्री परशुराम चालीसा एवं आरती का विमोचन होगा। पहली बार भगवान परशुराम की कथा का कार्यक्रम होगा, जिसमे पूज्य कथावाचक भगवान श्री परशुराम के जीवन चरित्र पर अपनी मधुर वाणी से अमृत वर्षा करेंगे।
बैठक में अधविक्ता रूप चंद शर्मा, राजकुमार कौशिक, आकाश अग्रवाल, डा. आशु मित्तल, डा. एसके शर्मा, शिवम मित्तल, सुनील दत्त शर्मा, सचिन शर्मा, नरेश दत्त शर्मा, रूप चंद शर्मा, वीरेश्वर त्यागी, अभिषेक गर्ग, सौरभ, पंडित श्रवण झा आदि मौजूद रहे।