Tuesday, December 24

छात्रवृत्ति में भ्रष्टाचार का एनकाउंटर करेगा एआइएसएचई कोड

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मेरठ 24 अगस्त (प्र)। छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर कोई भ्रष्टाचार न कर सके, इसलिए केंद्र सरकार ने नया नियम लागू किया है। 2024-25 में यदि किसी कालेज के छात्र को छात्रवृत्ति लेनी है तो स्कूल- कालेज प्रबंधन को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी आल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन (एआइएसएचई) कोड लेना होगा। जिस कालेज के पास यह कोड नहीं होगा, उस कालेज के छात्र को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी। शासन के आदेश के बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी ने सभी स्कूल- कालेजों को पत्र लिखकर इस कोड को लेने के निर्देश दिए हैं। इस कोड को लेने के बाद भ्रष्टाचार की गुंजाइश पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

सुनील कुमार सिंह ने बताया कि कोड लेने की प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से शुरू होगी। इस प्रक्रिया में कालेज को अपने कालेज का नाम, कितना स्टाफ है, कालेज या स्कूल कितने एकड़ में फैला है। किस कक्षा में कितने बच्चे हैं। उनमें कितने मेल और फीमेल हैं। ये तमाम जानकारी एआइएसएचई के पोर्टल पर देनी होगी। पूरी वेरिफिकेशन होने के बाद ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय से एक कोड जारी होगा। बाकायदा इसका एक सर्टिफिकेट मिलेगा। यह सर्टिफिकेट जिला समाज कल्याण अधिकारी आफिस में जमा करना होगा। इसके बाद ही कालेज के छात्र को छात्रवृत्ति का लाभ मिल सकेगा। यह कोड केवल हायर एजुकेशन वाले स्कूल और कालेजों को लेना होगा। बता दें कि नौवीं और 10वीं क्लास के छात्रों को तीन हजार और बीए के छात्रों को 3,600 रुपये छात्रवृत्ति मिलती है।

ऐसे रुकेगा फर्जीवाड़ा
अब से पहले स्कूल कालेज छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते थे तो वेरिफिकेशन के लिए जिला समाज कल्याण आफिस से टीम जाती थी। स्कूल में यदि 10 छात्र हैं तो छात्रवृत्ति के लिए 50 का आवेदन कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कोड लेने में सभी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह कोड हर वर्ष लेना होगा।

ऐसे करें आवेदन
आल इंडिया सर्वे आन हायर एजुकेशन का एक पोर्टल है। जिस पर स्कूल कालेज प्रबंधन को एआइएसएचई कोड के लिए आवेदन करना होगा । आवेदन के बाद संबंधित यूनिवर्सिटी वेरिफाई करेगी। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी वेरिफाई करेंगे। वहां से मानव संसाधन विकास मंत्रालय को रिपोर्ट जाएगी, तब कोड मिलेगा।

छात्रवृत्ति को लेकर अधिकतर शिकायत मिलती रहती है कि स्कूल में बच्चे कम हैं और छात्रवृत्ति के लिए आवेदन अधिक के कर दिए। इस तरह के आरोप न लगे, इसलिए केंद्र सरकार ने यह कोड लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए मैंने सभी स्कूल-कालेजों को पत्र लिख दिया है।
-सुनील कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी

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