मेरठ 03 जून (प्र)। आवासीय भवनों में चल रही व्यवसायिक गतिविधियों के खिलाफ आवास एवं विकास परिषद ने अब आवंटन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सेंट्रल मार्केट के 63 दुकानदारों के आवंटन निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें कई आवासीय भवनों में कॉम्पलेक्स बन गए हैं।
कुछ में शोरूम, रेस्टोरेंट, बड़े सैलून परचून की दुकानें, अस्पताल आदि चल रहे हैं। वहीं, अवैध कॉम्पलेक्स 661/6 के दुकानदारों द्वारा दुकानें खाली न करने पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर होने के बाद विभाग अपनी ओर से कार्रवाई पूरी करने में जुटा है। आवास एवं विकास परिषद ने नियम बताकर कई मकानों का आवंटन निरस्त करने का आदेश दिया है। इसके तहत शास्त्रीनगर सेक्टर-3 भूखंड संख्या 502/3 के लिए आवंटी को नोटिस दिया गया है। संपत्ति अधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग ने आवासीय प्रयोजन के लिए भूखंड आवंटित किए थे। भू-उपयोग के विरुद्ध इनमें व्यावसायिक निर्माण व गतिविधि की जा रही हैं।
कब्जा लेना नहीं आसान
नियम अनुसार आवंटन निरस्त होने के बाद आवास एवं विकास परिषद को उस संपत्ति पर कब्जा लेना होता है, लेकिन यह संभव होता नहीं दिखता। शास्त्रीनगर में आवासीय भवनों में शोरूम, रेस्टोरेंट, कॉम्पलेक्स, अस्पताल, सैलून, डेयरी आदि संचालित हो रही हैं। घर-घर में दुकानें खोलकर ही सेंट्रल मार्केट आबाद हुआ है। ऐसे में विभाग के लिए इन भवनों में कब्जा लेना आसान नहीं दिख रहा।
अब नौ जून को खोला जाएगा टेंडर
आवास एवं विकास परिषद की ओर से 1.67 करोड़ रुपये से अवैध कॉम्पलेक्स 661/6 के साथ ही 31 अन्य दुकानों का मलबा हटाने के लिए टेंडर निकाला गया था। इसके लिए टेंडर नहीं आ रहे हैं। तीसरी बार टैंडर की तिथि बढ़ाने पर हाल ही में एक बिड आई थी, जिसे शासन को भेजा गया था। सिंगल बिड को तब रद्द कर दिया गया था। वहीं अब 9 जून की तिथि ई-टेंडर के लिए निर्धारित की गई है। इस दिन टेंडर खोला जाएगा।
दुकानदारों ने खाली नहीं की दुकानें
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल मार्केट के 661/6 कॉम्प्लेक्स मामले में 17 दिसंबर 2024 को ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। व्यापारियों की सभी याचिकाएं रद्द की जा चुकी हैं। आवास एवं विकास परिषद ने 21 दुकानदारों को 15 दिन में दुकानें खाली करने का अंतिम नोटिस जारी करते हुए आदेश दिए थे। ऐसा न होने पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला भी चलाने को चेताया गया था। मामले में आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका भी दाखिल कर दी है।