मेरठ 30 दिसंबर (प्र)। बीते गुरुवार रात राइट सालवा माइनर पटरी पर धनवाली मंदिर के पास लूटपाट के बाद पति की हत्या की कहानी रचकर कर पुलिस को गुमराह करने वाली पत्नी अर्चना ही इस पूरे घटनाक्रम की मास्टरमाइंड निकली।अर्चना की 6 महीने पहले अरुण से शादी ही हुई थी। शादी के बाद विश्वासघात करते हुए प्रेमी के साथ मिलकर भाड़े के शूटरों से पति की हत्या करवा दी और लूट का फर्जी ड्रामा रच दिया। हालांकि रात में ही पुलिस ने इस पूरे मामले को भांप लिया और 12 घंटे के अंदर खुलासा भी कर दिया। फिलहाल पत्नी अर्चना और उसका प्रेमी सौरव पुलिस गिरफ्त के बाद जेल भेज दिया गया है। मृतक अरुण प्रजापति मीशो कंपनी में मैनेजर थे।
गुरुवार शाम लगभग छह बजे बागपत के गांव ट्योढ़ी निवासी अरुण प्रजापति पुत्र सत्यवीर अपनी पत्नी अर्चना उर्फ दीशा पुत्री योगेंद्र निवासी कुशावली के साथ ससुराल में पत्नी को दवाई दिलवाकर वापस बाइक से लौट रहा था। राइट सलावा माइनर पटरी पर धनवाली मंदिर के पास अरुण प्रजापति की सिर और छाती में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस दौरान पत्नी अर्चना ने लूट के बाद हत्या का ड्रामा रचकर पुलिस को गुमराह किया था। हालांकि रात में पुलिस अर्चना के इस नाटकीय ड्रामे को भांप लिया और पुलिस ने 12 घंटे के अंदर ही घटना का खुलासा कर दिया।
मेरठ में पोस्टमार्टम होने के बाद शुक्रवार को तकरीबन एक बजे अरूण का शव अंतिम संस्कार के लिए गांव में पहुंचा। सुबह से ही ग्रामीण अंतिम संस्कार के लिए अरूण के शव का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही उसका शव गांव में पहुंचा, भारी भीड़ एकत्रित हो गई। अंतिम संस्कार से पहले हर कोई अरूण को अंतिम बार देखना चाहता था। शव देखते ही लोगों की आंखें भर आई। सभी कह रहे थे कि अरूण बहुत भला लड़का था। यह बहुत गलत हुआ है। भगवान भी ऐसी औरत को कभी माफ नहीं करेगा, जिसने अपने ही पति की हत्या करा दी।
अरूण के अंतिम संस्कार के दौरान आरोपी अर्चना की मां ललिता भी शामिल हुई। इस दौरान ललिता अपनी बेटी की करतूत पर खूब रोई। रोते हुए वह कह रही थी कि काश पैदा होते ही अर्चना का गला घोट देती, कम से कम आज दो परिवार उजड़ने से तो बच जाते। वहीं जैसे ही परिवार व गांव की महिलाओं को अर्चना की मां के आने की जानकारी हुई तो उन्होंने ललिता को खूब ताने मारे और कहा कि कैसी बेटी को जन्म दिया तूने। पूरे परिवार को ही उजाड़ दिया।
पत्नी अर्चना ने प्रेम प्रसंग के चलते प्रेमी के साथ मिलकर भाड़े के शूटरों से अपने मैनेजर पति और की हत्या करवा दी। अरुण ऑनलाइन मीशो कंपनी में मैनेजर थे और अरुण की अर्चना से छह महीने पहले ही शादी हुई थी। पुलिस ने बताया कि अर्चना का गांव कुशावली निवासी सौरव ठाकुर पुत्र मुकेश से पांच साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी प्रेम प्रसंग के चलते अर्चना ने प्रेमी सौरव के साथ मिलकर भाड़े के शूटरों से पति की हत्या करवा दी।
जबकि अर्चना को भी हिरासत में लेकर पूछताछ के बाद दोनों को जेल भेज दिया। पुलिस के सामने अपना इकबालिया जुर्म कबूल करते हुए अर्चना ने पुलिस को बताया कि वाट्सएप पर लोकेशन और चेटिंग के बाद जिस वक्त शूटर हत्या करने के लिए पहुंचे तो मैंने खुद पति के दोनों हाथ पकड़ लिए और शूटर ने एक गोली छाती और दूसरी अरुण के सिर में मारी इससे वह मौके पर वही ढेर हो गए। इसके बाद मैंने लूट का ड्रामा रचा और शोर मचाया। इस तरह से पत्नी ने अपने पति के हाथ पकड़कर हत्या करवाई।
प्रभारी निरीक्षक देव सिंह रावत ने बताया कि अर्चना और उसके प्रेमी सौरव ने भाड़े के शूटर हायर किए। जिनका सौदा एक लाख रुपये में तय हुआ। पुलिस के मुताबिक अर्चना के प्रेमी सौरव ने 14000 रुपये शूटरों को एडवांस दे दिए। जबकि बाकी रकम के लिए यह तय हुआ कि जिस वक्त शूटर अरुण की हत्या करेंगे जो गहने अर्चना सोने-चांदी के पहने हुए होगी वह उसे लूट कर ले जाएंगे। इससे लूट का ड्रामा भी रचेगा और उनका कर्ज भी उतर जाएगा। इसी तरह शूटरों हत्या के बाद तय स्थान, तय समय पर अरुण की हत्या करके लूट का वही नाटक रचा। लेकिन उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि पूरा मामला पुलिस पकड़ में आ जाएगा।