मेरठ 15 अक्टूबर (प्र)। जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन कई महीने से लंबित पड़े हैं। लोग नगर निगम और तहसील के चक्कर काटने को मजबूर हैं। इसे लेकर मंगलवार को पार्षदों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में एकत्र होकर सदर तहसील कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया। एसडीएम सदर को शिकायती पत्र सौंपकर लंबित आवेदनों का निस्तारण शीघ्र करवाने की मांग की। इस दौरान पार्षदों ने पैसे लेकर प्रमाण पत्र बनाने का आरोप भी लगाया। पैसे लेने की शिकायत करते लोगों के वीडियो फुटेज भी दिखाए।
हंगामा कर रहे पार्षद संजय सैनी, पवन चौधरी, पंकज गोयल, पूर्व पार्षद विपिन जिंदल ने आरोप लगाया कि जो जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन निगम से आते हैं, वह तहसील में पड़े रहते हैं। जो लोग सीधे तहसील पहुंच जाते हैं, उनसे पैसे लेकर प्रमाण पत्र बना दिया जाता है। पार्षदों ने कहा कि करीब ढाई हजार आवेदन सत्यापन के लिए तहसील में डंप हैं। स्कूलों में प्रवेश के लिए बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र जरूरी है। तीन-चार महीने पहले किए गए आवेदन भी डंप पड़े हैं। लोग चक्कर काट रहे हैं। दरअसल, जन्म से एक साल की उम्र पूरी हो जो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन किया जाता है, उसका सत्यापन तहसील से होता है। इसके बाद ही प्रमाण पत्र जारी होता है। वहीं, मृत्यु से 21 दिन के बाद आवेदन करने पर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी यहीं से सत्यापन कराना होता है। ऐसे में नगर निगम से आवेदन लेकर तहसील भेजे जाते हैं। तहसील में समय से सत्यापन न होने से यह परेशानी लोगों को उठानी पड़ रही है।
सदर तहसील एसडीएम डा. दीक्षा जोशी का कहना है कि मुझसे पार्षद नहीं मिले हैं। वो मिलेंगे तो उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा। तहसील में पूरे नगर निगम क्षेत्र के साथ साथ पांच विकास खंड क्षेत्र के भी जन्म मृत्यु के प्रमाणपत्र के आवेदन आते , जिन्हें जल्द से जल्द निस्तारित किया जाता है। तहसील में अधिक संख्या में आवेदन लंबित होने का आरोप निराधार है।
