
मेरठ 02 अक्टूबर (प्र)। सूरजकुंड पार्क के बाहर ठेला लगाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के दो पार्षदों उत्तम सैनी और सुमित शर्मा के बीच बुधवार को जमकर मारपीट हुई। पुलिस पार्षद उत्तम सैनी और उनके तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर थाने ले आई। कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया और महानगर अध्यक्ष समेत भाजपा कार्यकर्ताओं ने थाने पहुंचकर हंगामा किया। पुलिस ने हंगामा कर रहे कार्यकर्ताओं पर थप्पड़ जड़ दिए। वहां से कई कार्यकर्ताओं को भगाया दिया।
थाने पहुंचे एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने पार्षद उत्तम सैनी पर कार्रवाई की चेतावनी दे दी। इस पर महानगर अध्यक्ष नाराज हो गए और एसपी सिटी पर धमकी देने का आरोप लगाया। इससे माहौल गरमा गया। इसके बाद पुलिस ने पार्षद सहित चारों कार्यकर्ताओं थाने से छोड़ दिया। पार्षद से अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के आश्वासन पर भाजपा कार्यकर्ता वापस लौट गए। पार्षद उत्तम ने कहा कि कुछ लोगों को ठेला लगाने के लिए सुमित शर्मा ने पुलिस से सांठगांठ करके यह विवाद कराया है।
विवाद सिविल लाइन थाना क्षेत्र के सूरजकुंड पार्क के बाहर एक ठेला लगाने को लेकर शुरू हुआ। हनुमानपुरी निवासी रोहित प्रजापति ने मंगलवार शाम छोले भटूरे का ठेला लगाया था। इसके बराबर में शाहपीर गेट निवासी सूफियान ने सोडा शिकंजी का ठेला लगा लिया। आरोप है कि सूफियान और उसके साथियों ने रोहित प्रजापति का ठेला हटवा दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद बढ़ गया। रोहित की तरफ से पार्षद उत्तम सैनी और सूफियान की ओर से पार्षद सुमित शर्मा आगे आए। सूचना पर सिविल लाइन पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के ठेले लगाने के बाद मामला सुलझा दिया था। हालांकि बुधवार को रोहित प्रजापति का ठेला सूफियान ने फिर से हटवा दिया। इस बात की जानकारी होने पर पार्षद उत्तम सैनी मौके पर पहुंचे और उन्होंने इसका विरोध किया। इसी बीच पार्षद सुमित शर्मा भी वहां आ गए। सिविल लाइन पुलिस को भी मौके पर बुलाया गया।
पूर्व पार्षद अंशुल गुप्ता का आरोप है कि पुलिस ने पार्षद सुमित शर्मा के कहने पर रोहित का ठेला हटवाया। इससे पार्षद उत्तम सैनी नाराज हो गए। उत्तम सैनी का भी आरोप है कि पुलिस सूफियान का पक्ष ले रही है और उन्होंने पुलिस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया। इस दौरान दोनों पार्षद पक्षों के लोगों के बीच मारपीट और हंगामा हो गया। सिविल लाइन पुलिस ने पार्षद उत्तम सैनी और उनके तीन साथियों को पकड़कर थाने में बंद कर दिया। इसकी सूचना मिलते भाजपा कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया और महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी सिविल लाइन थाने पहुंच गए। उन्होंने पुलिस द्वारा पार्षद को हिरासत में लेने की कार्रवाई का विरोध जताया। काफी देर तक थाने में हंगामा चलता रहा।
हंगामे की सूचना पर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह थाने पहुंचे और उन्होंने सभी को शांत कराने का प्रयास किया हैं। उन्होंने सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी को निर्देश दिया कि दशहरे के बाद मौका मुआयना किया जाए और उसके बाद ही ठेला लगाने की अनुमति दी जाए। इस आश्वासन के बाद भाजपाई शांत हुए और थाने से वापस लौट गए। सिविल लाइन इंस्पेक्टर सौरभ शुक्ला के मौके पर पहुंचने पर उनकी पार्षद उत्तम सैनी से झड़प हो गई। अभद्रता बढ़ते देख इंस्पेक्टर ने फोर्स की मदद से चार लोगों को पकड़ लिया, इनमें पार्षद उत्तम सैनी भी थे। आरोप है कि पुलिस ने पार्षद व उसके समर्थकों को पीटते हुए थाने ले गई।
बोर्ड बैठक में भी पार्षद और भाजपा नेता में हुई थी बहस एक माह पहले निगम की बोर्ड बैठक में पार्षद उत्तम सैनी ने नगर आयुक्त पर टिप्पणी करते बंदर की कहानी सुना दी थी। इस पर नगर आयुक्त नाराज होकर सदन की चलती कार्यवाही छोड़कर चले गए थे। बोर्ड बैठक स्थगित हो गई थी। उसके बाद बोर्ड बैठक से पहले महापौर कैंप कार्यालय में पार्षद उत्तम सैनी और भाजपा नेता कमलदत्त शर्मा की तीखी बहस हुई थी। बुधवार को दो पार्षदों के बीच हुए विवाद का पुराने मामलों का कनेक्शन होना बताया गया।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा का कहना है कि ठेला लगाने को लेकर दो पार्षद और उनके कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हुआ है। इस मामले में सिविल लाइन थाने में तस्करा डाल दिया गया है। दोनों पक्षों ने थाने में तहरीर नहीं दी है। पुलिस इस प्रकरण की जांच करने के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।