मेरठ 31 मई (प्र)। ब्लड बैंक खोलने के लिए अब नए मानक तय कर दिए गए हैं। अब अस्पताल परिसर में ही ब्लड बैंक खोले जा सकेंगे। बिना अस्पताल के ब्लड बैंक का संचालन नहीं हो सकेगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण (सीडीएससीओ) ने नए नियम का आदेश जारी कर दिया है।
अभी तक बिना अस्पताल के भी ब्लड बैंक के लाइसेंस मिल जाते थे। कोई भी व्यक्ति या संस्था तय मानकों को पूरा कर ब्लड बैंक खोल सकता था। अब केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के नियम बदल देने से ऐसा नहीं होगा। अब सिर्फ अस्पताल परिसर में ही ब्लड बैंक खोलने की मंजूरी दी जाएगी।
नए नियम के अनुसार पहले से चल रहे ब्लड बैंकों के लिए भी अपना अस्पताल शुरू करना जरूरी होगा। पांच साल के अंदर उन्हें अस्पताल शुरू करना होगा, नहीं तो ब्लड बैंक को बंद कर दिया जाएगा। इसका उद्देश्य गुणवत्ता को बढ़ाना है।
नए नियम से निजी ब्लड बैंकों की बढ़ी मुश्किलें
मेरठ में मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के अलावा चुनिंदा निजी अस्पतालों में ही ब्लड बैंक हैं। आईएमए सहित बड़ी संख्या में ब्लड बैंक ऐसे हैं, जिनके पास अपना कोई अस्पताल नहीं है। अब नया नियम लागू होने के बाद बिना अस्पताल वाले इन निजी ब्लड बैंकों की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। विकल्प यही है कि या तो अपना अस्पताल संचालित करें या फिर ब्लड बैंक का संचालन बंद करना होगा।
ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर अरविंद कुमार गुप्ता ने कहा कि औषधि प्रशासन विभाग ब्लड बैंकों के संचालन में सुरक्षा और उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसका उद्देश्य रक्तदान और अन्य सेवाओं की गुणवत्ता व सुरक्षा बढ़ाना है।