मेरठ 18 दिसंबर (प्र)। मेरठ में रोज लगने वाले जाम पर डीआइजी कलानिधि नैथानी ने सख्त रुख अख्तियार किया है। मंगलवार को उन्होंने संभागीय परिवहन अधिकारी आरटीओ राजकुमार सिंह संग बैठक की। शहर में लगने वाले जाम के कारण जाने। आरटीओ ने बताया कि जाम की सबसे बड़ी समस्या अवैध रूप से दौड़ रही ई-रिक्शा व टेंपो हैं। डीआइजी ने अभियान चलाकर इन पर कार्रवाई का आदेश दिया। डीजल के दस वर्ष पुराने व पेट्रोल के 15 वर्ष पुराने वाहनों के खिलाफ अभियान चलाकर उन्हें सीज करने को कहा। कहा, संबंधित विभाग से मिलकर शहर में ई-रिक्शा संचालन की योजना को प्रभावी बनाकर स्टैंड बनाए जाए।
डीआइजी कलानिधि नैथानी ने ने बताया कि आरटीओ संग बैठक में उन्होंने बताया कि मेरठ में 19755 ई-रिक्शा व 7998 थ्री व्हीलर पंजीकृत है। इनसे दो गुणा अवैध रूप से सड़कों पर दौड़ रही है। ई-रिक्शाओं के चौराहे व मुख्य मार्गों पर खड़े होने से ही जाम लगता है। ई-रिक्शा के लिए स्टैंड नहीं होना भी बड़ी समस्या है।
अवधि पूर्ण होने पर भी सड़कों पर डीजल व पेट्रोल वाहन दौड़ रहे हैं। डीआइजी ने ऐसे वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाकर उन्हें सीज कर डंपिंग यार्ड में भेजने को कहा। स्थायी यार्ड बनने तक उन्होंने अस्थायी डंपिंग यार्ड बनाने को कहा। शहर के बाजारों व भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था पर विचार किया गया। इसके लिए नगर निगम व मेरठ विकास प्राधिकरण मेडा से मिलकर व्यवस्था कराने को बैठक की जाएगी।
डीआइजी ने बताया कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, दिल्ली- दून हाईवे के जंक्शन प्वाइंट पर वाहनों की अधिकता से जाम व दुघर्टनाएं बढ़ रही है। इन स्थानों पर सड़क किनारे संकेतक, ट्रैफिक लाइट लगवाने का आदेश दिया गया है। कोहरे के दौरान यातायात पुलिस व परिवहन विभाग वाहनों पर रिफ्लेक्टर टेप व लाइट लगाने को अभियान चलाएगा।