Monday, July 7

सीसीएसयू को मिला आइपीआर चेयर, बढ़ेगा अनुसंधान

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मेरठ 16 अप्रैल (प्र)। बौद्धिक संपदा अधिकार यानी इंटलेक्चुअल प्रापर्टी राइट्स (आइपीआर) के क्षेत्र में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की जाने वाली आइपीआर चेयर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) को मिला है। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आइपीआर चेयर प्राप्त करने वाला सीसीएसयू पहला विश्वविद्यालय है। भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को यह चेयर का पद दिया है। यह पद आम तौर पर विश्वविद्यालयों या शोध संस्थानों में राष्ट्रीय आइपीआर निकायों या सरकारी विभागों के सहयोग से बनाया जाता है। मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने यह जानकारी दी। देश में आइपीआर चेयर को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग की ओर से शुरू की गई स्कीम फार पेडगाजी एंड रिसर्च इन आइपीआर्स फार होलिस्टिक एजुकेशन एंड एकेडमिया योजना के तहत स्थापित किया जाता है। देश के करीब 20 विश्वविद्यालयों में आइपीआर चेयर स्थापित किए गए हैं।

विश्वविद्यालय के शोध निदेशक प्रो. बीरपाल सिंह ने बताया कि सीसीएसयू को मिली इस उपलब्धि में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री जयंती चौधरी का प्रमुख योगदान है। उन्होंने ही 23 सितंबर 2024 को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से सीसीएसयू टीम की मुलाकात कराई थी । विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और संसाधनों को देखते हुए यह पद विश्वविद्यालय को प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि सीसीएसयू पेटेंट में देश में चौथे और आवेदन करने वाले उच्च शिक्षण संस्थानों में शीर्ष पांच स्थान में शामिल है। प्रदेश में यह पद केंद्रीय विश्वविद्यालय बीएचयू और राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय में ही है।

प्रो. बीरपाल ने बताया कि इसके अंतर्गत इस पद पर एक प्रोफेसर की नियुक्ति होगी। उन्हें एक लाख रुपये प्रति माह के हिसाब से पांच वर्ष के लिए मंत्रालय ही वेतन देगा। इसे दो वर्ष और बढ़ाया जाएगा। इसी तरह दो रिसर्च असिस्टेंट नियुक्त होंगे। रिसर्च असिस्टेंट यदि स्नातक हैं तो 30,000 रुपये प्रति माह, परास्नातक हैं तो 40,000 रुपये प्रति माह और पीएचडी हैं तो उन्हें 50,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। इसके अलावा पांच लाख प्रति वर्ष अन्य खर्ची के लिए मिलेंगे। साथ ही एक पीएचडी फेलोशिप, जेआरएफ एसआरएफ के तौर पर मिलेगा…. जिसमें 25,000 या 28,000 रुपये मिलेंगे। मंत्रालय की ओर से सीसीएसयू पर सात वर्षों में करीब 2.3 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रोफेसर एसएस गौरव ने बताया कि सीसीएसयू में वर्ष 2011 में आइपी सेल बना और अब तक 96 पेटेंट प्रकाशित हो चुके हैं।

यह है आइपीआर चेयर का मुख्य उद्देश्य

  • छात्रों और शोधकर्ताओं में आइपीआर शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना
  • अंतर्विषयक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना, जो आइपीआर कानून और नीति से संबंधित हो
  • आइपी पाठ्यक्रमों के विकास में सलाह देना
  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन करना
  • अनुसंधान पत्र प्रकाशित करना और आइपी से जुड़ी नीतिगत रिपोर्ट तैयार करना ।
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