मेरठ 08 मई (प्र)। चौ0 चरण सिंह विश्वविद्यालय में नए सत्र में 10 से कम पंजीकरण होने वाले पाठ्यक्रमों को बंद किया जा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में हुई अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों की बैठक में कुलाधिपति ने विश्वविद्यालयों को 10 से कम छात्र संख्या वाले को को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे कोसों से संबंधित आदेश तीन वर्ष के स्थान पर एक वर्ष के लिए ही जारी करने को कहा है। सीसीएसयू के प्रवेश समन्वयक प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह राणा के अनुसार बीए, हिंदी, बीए संस्कृत, एमएजेएमसी, बोहेस, बीए आनर्स उर्दू सहित कुछ डिप्लोमा कोर्स ऐसे हैं जिनमें 10 से भी कम छात्रों ने पिछले सत्र में पंजीकरण करावा था ऐसे पाठ्यक्रमों की सूची बनाई जा रही है जिनमें कम पंजीकरण हुए थे। प्रत्यक्रम के अनुसार उनको नए सत्र में प्रवेश प्रक्रिया में शामिल करने पर निर्णय लिया जाएगा।
एक जून से 21 जून तक योगाभ्यास श्रंखला आयोजित होगी
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग है योग के महत्व पर प्रकाश डालने और लोगों को योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने को प्रेरित करने के लिए एक जून से 21 जून तक गाभ्यास श्रंखला आयोजित की जाएगी। इसी कड़ी में यह निर्णय लिया गया है कि सीसीएस के योग विज्ञान विभाग के अंतर्गत योग पार्क बनाया जाएगा।
इसके साथ हो विश्वविद्यालय परिसर में छावनी में सेना की ओर से बनार गए सूर्य नमस्कार की मुद्राओं की तर्ज पर प्रतिमाएं लगाई जाएंगी। विश्वविद्यालय परिसर में लोग सत्र आयोजित होंगे। इनमें दिव्यांगजन वरिष्ठ नागरिकों, बालक बालिकाओं व विशेष जरूरत वाले छात्रों के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किए जाएंगे वेग के शारीरिक व सामाजिक प्रभावों को आंकने के लिए शेोध पत्र तैयार होंगे।
हर कर्मचारी का होगा वीएमआइ टेस्ट
राज्यपाल ने हर कर्मचारी, संविध आउटसोर्सिग कर्मिकों का भी वीएमआइ टेस्ट कराने को कहा है। अस्वस्थ कर्मिकों को चिकित्सा के लिए विशेष व्ययोजना के तहत उनका इलाज कराने व तीन महीने के बाद फिर से बीएमआइ टेस्ट कराने और हेल्थ सेंटर का उपयोग आम जनमानस के लिए किए जाने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए है। कर्मिकों व उनके स्वजन को योग से जोड़ने हुए कैंसर ग्रस्त शुगर से ग्रसित बच्चे के जन्म लेने व उनको स्वस्थ बनाने के लिए गर्भ संस्कार पुस्तक विश्वविद्यालय द्वारा खरीदकर शार्ट टर्म के रूप में सौ-सौ किसानों तैयार कर छात्रों को अध्ययन के लिए दी जाएंगी। इसके लिए दो महीने की गर्भवती 10 महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ने और उनके घर-घर जाकर गर्भावस्था में खान-पान के संबंध में जागरूक किया जाएगा।