Thursday, December 26

सोशल मीडिया पर अहमियत ढूंढ रहे बच्चे फोमो के शिकार

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भागलपुर 02 अक्टूबर। आज कल सोशल मीडिया का क्रेज बड़ो के साथ बच्चों मे भी इस कदर बढ़ गया है कि इस का असर उनके मानसिक विकास पर भी पड़ने लगा है ।

करोना काल से पहले ज्यादातर जो बच्चे अपने दोस्तो के साथ अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवाते थे आज वही बच्चें सोशल मीडिया पर लाइक और कमेंट ढूंढ रहे हैं । एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 23 फ़ीसदी से ज्यादा बच्चे सोने से पहले बिस्तर पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। सोशल मीडिया मे लाइक और कमेंट ढूँढने वाले बच्चे (फोमो) फीवर ऑफ मिसिंग आउट का शिकार हो रहें है।

करोना काल के बाद से एक बड़ी संख्या मे बच्चें,बड़े और युवक ‘फोमो’का शिकार हो रहें है। लॉकडाउन के समय से ऑनलाइन क्लासेज के लिए बच्चों ने मोबाइल और लैपटॉप का ही सहारा लिया।लेकिन अब इसकी जरूरत खत्म होने के बाद भी इसका इस्तेमाल रुका नहीं है। युवा वर्ग सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है । लेकिन अपेक्षित लाइक व कमेंट ना मिलने की वजह से कुंठा के शिकार हो रहें है और गहरे अवसाद मे चले जा रहें है ।
बच्चे और युवा वर्ग मोबाइल में ही इतना खोए रहते हैं कि उन्हें अपने आसपास में होने वाले किसी भी घटना से कोई फर्क नहीं पड़ता है। कई बार देखा गया है कि घर में कोई गेस्ट भी आते हैं तो बच्चे उनसे मिलने जुलने की बजाए फोन में लगे रहते हैं।

मनोरोग विभाग का कहना है कि प्रतिदिन ओपीडी मे 2 से 3 बच्चें,किशोर और युवा इलाज को आ रहें है । अभिभावक परेशान है कि बच्चा किताब नही खोलता है और फ़ेसबुक पर लाइक और कमेंट ढूंढता रहता है।

डॉक्टरों का कहना है कि इंसान भीड़ मे अपनी अलग पहचान बनाना चाहता है । उसे जब यह नही मिलता है तो वह Social Media का सहारा लेने लगता है। किंतु जब वहा भी लाइक कमेंट ना मिल पाने की वजह से वह कुंठित हो जाता है ।

बचाव के लियें क्या करें:
परिवार मे लोगो से बातचीत करें। Social Media से दूरी बनाये रखने का प्रयास करें ।
आप भी मोबाइल फोन से दूरी बनाएं ऐसा करने से इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ेगा।
आप बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करें, उनके साथ बाहर खेलने जाएं, योग और एक्सरसाइज करें, साथ में प्लांट लगाएं।Facebook
आप जो भी है आप वैसे ही बहुत अच्छे है उसी रूप मे अपने आप को स्वीकार करें दिखावा ना करे। अपनी तुलना किसी से ना करें ।

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