मेरठ, 21 अक्टूबर (प्र)। नवरात्र में संभागीय परिवहन विभाग की तिजोरी भर रही है। वाहन नंबरों की नई सीरीज शुरू होते ही वीआईपी और मनपसंद नंबरों के लिए लोगों ने आवेदन शुरू कर दिए हैं। बृहस्पतिवार से नई सीरीज शुरू हुई है। दो दिन के भीतर 520 लोगों ने नई वाहन सीरीज में रजिस्ट्रेशन कराए हैं। इनमें से वीआईपी और मनपसंद नंबर लेने वालों की भी लंबी लाइन है। हालांकि इसका खुलासा एक सप्ताह बाद होगा।
संभागीय परिवहन विभाग ने गत बृहस्पतिवार से वाहनों की नई सीरीज यूपी 15 ईई शुरू की है। नई सीरीज में वीआईपी और मनपसंद गाड़ी नंबर लेने वालों की कमी नहीं है। मनपसंद नंबर पाने के लिए वाहन स्वामी को ऑनलाइन आवेदन करना होता है साथ ही शासन द्वारा निर्धारित फीस जमा करनी होती है। इसी प्रकार वीआईपी नंबरों के लिए भी लोगों ने आवेदन शुरू कर दिए हैं। इसके बाद वीआईपी नंबर लेने वालों को ऑनलाइन ही बोली लगाने का अवसर मिलेगा। दो सप्ताह के भीतर संभागीय परिवहन की तिजोरी में गाड़ी नंबर की बिक्री से लाखों रुपये का राजस्व जमा होने वाला है।
हिमेश तिवारी, आरटीओ प्रशासन का कहना है कि हर बार वाहन नंबरों की नई सीरीज शुरू होने पर वीआईपी और मनपसंद नंबरों से विभाग को काफी राजस्व मिलता है। त्योहारों के समय राजस्व बढ़ोतरी की उम्मीदें अधिक बढ़ जाती हैं। वाहनों की बिक्री में भी काफी उछाल देखा जा रहा है। जिससे साफ है कि इस बार अधिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन होने वाले हैं।
पिछले नौ माह में विभाग ने कमाए थे ढाई करोड़ रुपये
वीआईपी, मनपसंद और सामान्य वाहन नंबर से संभागीय परिवहन विभाग को प्रतिवर्ष लाखों रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है। अगर हम 2023 में जनवरी से 15 अक्तूबर तक की बात करें तो विभाग को 2,60,39,000 रुपये से अधिक का राजस्व मिला है। विभाग के अधिकारियों को उम्मीद नवरात्र में जग गई है। ये उम्मीद त्योहारी सीजन और अगले माह से शुरू होने वाले शादियों के सीजन के चलते है। इसलिए संभागीय परिवहन विभाग को उम्मीद है कि दिसंबर माह तक विभाग को लाखों का राजस्व प्राप्त होने वाला है।