नई दिल्ली 23 नवंबर। चीन अभी कोरोना महामारी के दर्द से उभरा भी नहीं था कि वहां एक नए खतरे ने दस्तक दे दी है. इन दिनों चीन में निमोनिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. इस रहस्यमयी निमोनिया का शिकार स्कूली बच्चे हो रहे हैं. हालात ऐसे बनते नजर आ रहे हैं जैसे कोरोना के शुरुआती समय के दौरान थे. लगातार इसके मरीजों में इजाफा हो रहा है. अस्पतालों में मरीजों की लाइन लग रही है. एक बार फिर से वहां कोरोना काल की यादें ताजा हो गई हैं. इस बीमारी से प्रभावित बच्चों में असामान्य लक्षण दिखाई दे रहे हैं, बच्चों के फेफड़ों में सूजन और तेज बुखार आना इसके लक्षण बताए जा रहे हैं.
चीन के बीजिंग और लियाओनिंग के अस्पतालों इसके मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. मरीजों की संख्या से अस्पताल के हालात भी खराब होते जा रहे हैं. मरीजों को घंटों लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ पड़ रहा है. बताया जा रहा कि ये घातक की वजह से स्कूलों को बंद करने का फैसला किया गया है. ता कि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके.
उधर इस बीमारी के बारे में जानकारी मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ( डब्ल्यूएचओ) ने इसके बारे में रिपोर्ट मांगी है. जिसके मुताबिक अस्पताल में जो बच्चे इस बीमारी का शिकार हुए हैं उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है. अस्पतालों में बच्चों की संख्या काफी ज्यादा है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के चीनी अधिकारियों ने 12 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस रहस्यमय बीमारी के बारे में जानकारी दी था.डब्ल्यूएचओ ने इन्फ्लूएंजा, SARS-CoV-2 (कोविड-19 को जन्म देने वाला वायरस), शिशुओं को प्रभावित करने वाले RSV के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा निमोनिया की रिपोर्ट मांगी हैं.
प्रोमेड जो संक्रामक रोग के प्रकोप की वैश्विक रिपोर्टिंग करती है, उसने बच्चों में फैलने वाले इस रहस्यमय निमोनिया के बारे में अलर्ट किया था. इससे पहले प्रोमोड ने कोरोना महामारी के बारे में भी चेतावनी जारी की थी. बताया जा रहा है कि इस बीमारी से कुछ शिक्षक भी संक्रमित हो गए हैं. मुख्य रूप से इसका असर स्कूलों पर पड़ रहा है.