मेरठ 14 अप्रैल (प्र)। परतापुर में चार दिनों से पूरे परिवार पर दैवीय शक्ति का साया बता सड़क पर हंगामा करने वाले परिवार के पांच सदस्यों में से 20 साल के युवक की रविवार को अस्पताल में उपचार के दौरान अचानक मौत हो गई। आसपास के लोगों ने शनिवार को हाईवे पर हुए हंगामे के बाद पूरे परिवार को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया था। सुबह युवक की हालत बिगड़ी तो पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया।
रिठानी निवासी ओमप्रकाश उर्फ टिल्लू, उनका बेटा अनुज, अजय की बेटी प्रीति, टिल्लू की मां पिछले चार दिन से पूरे परिवार पर भूत प्रेत का साया बताकर सड़क पर हंगामा और पत्थरबाजी कर रहे थे। पुलिस ने पूरे परिवार को तीन बार जिला अस्पताल भेजा। शनिवार रात सभी जिला अस्पताल से रिठानी घर आ गए थे। रविवार सुबह 20 वर्षीय अनुज की हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उसे जिला अस्पताल भेजा, वहां हालत बिगड़ने पर उसे दूसरे अस्पताल ले जाया जा रहा था कि अनुज की मौत हो गई।
रिठानी के लोगों का कहना है कि ओमप्रकाश के परिजनो के साथ ऐसा हुआ, जिसके बाद गांव में दहशत का माहौल है। ओमप्रकाश के बड़े भाई सतीश ने बताया कि घर में पांच लोगों पर किसी ने जादू टोना कर परिवार की खुशियो को उजाड़ दिया। अनुज की रविवार को मौत हो गई लेकिन अभी भी पूरा परिवार जादू टोने के असर के चलते सड़क पर भटकने को मजबूर है। सतीश ने अनुज का अंतिम संस्कार किया। सतीश ने बताया कि ओमप्रकाश के चारों बच्चे पढ़ने लिखने में होनहार थे। ओमप्रकाश की बड़ी बेटी पूजा ग्रेजुएशन के बाद आईएएस की तैयारी कर रही थी। छोटी बेटी प्रीति बीएससी की तैयारी कर रही थी। भाई अजय जिम ट्रेनर है जो मिस्टर यूपी रह चुका है। छोटा भाई बीएससी कर रहा था।
चार दिन से निगरानी कर रही थी पुलिस
रविवार देर शाम अनुज का अंतिम संस्कार कर दिया गया। टिल्लू और उसके परिजनों ने पहले रिठानी, फिर जिला अस्पताल, इसके बाद परतापुर तिराहे पर हंगामा कर दिया था। पुलिस का कहना है पिछले चार दिन से पुलिस परिवार की देखरेख में लगी है। आस पड़ोस के लोगों का कहना था कि पूरा परिवार पढ़ा लिखा था, पता नहीं इस परिवार को क्या हो गया।
ग्रेजुएशन कर रहा था अनुज
अनुज ग्रेजुएशन कर रहा था। बड़ा भाई अजय ग्रेजुएशन के बाद कंप्टीशन की तैयारी कर रहा था और वह बाडी बिल्डर में मिस्टर यूपी रह चुका है। इनकी बहनें भी पढ़ी लिखी हैं। अनुज की मौत के बाद घर में मौजूद टिल्लू, अजय, पूजा और उनकी मां को घर के अलग अलग कमरों में बंद कर दिया।
श्मशान जाता था परिवार
आसपास के लोगों में चर्चा है कि पूरा परिवार पंडिताई का काम करता था। पास में ही श्मशान पर परिवार के लोग जाया करते थे। सुबह भी इनके घर के पास से तीन कट्टे राख आसपास के लोगों ने उठवाकर फेंकी थी। बताया गया है कि यह राख टिल्लू और उसके परिजन श्मशान से लाए थे।