Sunday, September 15

मेरठ कॉलेज में हुई विभागवार नैक मूल्यांकन की समीक्षा, मेरठ कॉलेज कराएगा साइबर क्राइम में डिप्लोमा

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कॉलेज को मिली पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन साइबर क्राइम एंड लॉ चलाने की अनुमति
दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 29 अगस्त (विशेष संवाददाता) आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विशालतम कॉलेज में से एक मेरठ कॉलेज के ऐतिहासिक कमेटी हॉल में मेरठ कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। प्रोफेसर युद्धवीर सिंह ने कहा कि मेरठ कॉलेज में 29 पोस्ट ग्रेजुएट विभाग है, जिनमें स्नातक, परास्नातक से लेकर पी एच डी करने तक की सुविधाएं उपलब्ध हैं। वर्तमान वर्ष के दिसंबर माह में मेरठ कॉलेज का नैक मूल्यांकन का चौथा चक्र होगा। इस चक्र में मेरठ कॉलेज अच्छा प्रदर्शन करे, इसके लिए पिछले दो वर्षों से मेरठ कॉलेज में युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। पिछले तीन दिनों से प्रतिदिन अनेक विभागों की समीक्षा आइक्यूएसी की कोऑर्डिनेटर डॉक्टर अर्चना सिंह एवं प्राचार्य डा युद्धवीर सिंह द्वारा की जा रही है। नैक मूल्यांकन में अच्छा ग्रेड आए इसके लिए सभी विभाग अपना अपना प्रदर्शन पीपीटी के माध्यम से कर रहे हैं। विभागों को उनके प्रदर्शन के अनुसार और अधिक अच्छा कार्य करने की सलाह एवं मार्गदर्शन दिया जा रहा है। यहां यह तथ्य उल्लेखनीय है कि पहले नैक जांच में 07 मापदंड एवं 56 बिंदु शामिल थे। अब मूल्यांकन की नई पद्धति में सिर्फ दस्तावेजों के आधार पर संस्थान का मूल्यांकन किया जाएगा। पहले से चली आ रही भौतिक निरीक्षण की प्रक्रिया भी अब समाप्त कर दी गई है।
अब संस्थाओं को ग्रेडिंग के स्थान पर एक से पांच तक लेवल दिए जाएंगे। पांचवें लेवल को प्राप्त करने वाला संस्थान सेंटर फॉर एक्सीलेंस का दर्जा प्राप्त करेगा। यह पुराने ए प्लस प्लस ग्रेडिंग के बराबर होगा।

मेरठ कॉलेज में इस सत्र से कुछ नए कोर्स भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिनकी अनुमति विभिन्न नियामक संस्थाओं द्वारा मेरठ कॉलेज को दी जा चुकी है। हाल ही में मेरठ कॉलेज में बी ए एलएलबी पंचवर्षीय कोर्स वर्तमान सत्र से संचालित होने जा रहा है।
इसी के साथ प्रो युद्धवीर सिंह ने बताया की मेरठ कॉलेज को वर्तमान सत्र से ही चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से साइबर क्राइम में डिप्लोमा चलाने की अनुमति मिली है। इस डिप्लोमा का नाम पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन साइबर क्राइम एंड लॉ है। यह एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम है। इस कोर्स में 40 सीटें हैं और इसकी फीस 31 हजार रुपए रखी गई है। जो मेरठ कॉलेज के विधि विभाग के संरक्षण में चलेगा। यहां उल्लेखनीय है कि मेरठ कॉलेज का विधि विभाग सदैव से ही महत्वपूर्ण रहा है क्योंकि न केवल उत्तर प्रदेश की न्यायिक सेवा में बल्कि उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय तक में मेरठ कॉलेज के विधि विभाग के छात्र न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

डॉ चंद्रशेखर ने एक वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा की इंटरनेट आज के दौर में मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। इंटरनेट के बिना ना तो हमारी पढ़ाई संभव है और ना ही नौकरी एवं व्यवसाय। इंटरनेट की दुनिया साइबर स्पेस के नाम से जानी जाती है, और इस साइबर स्पेस में होने वाले क्राइम को साइबर क्राइम कहा जाता है। इस साइबर क्राइम को नियंत्रित करने वाले कानून को हम साइबर लॉ के रूप में जानते हैं। संक्षेप में साइबर कानून कंप्यूटर और इंटरनेट को नियंत्रित करने वाले कानून हैं। मेरठ कॉलेज में इस डिप्लोमा में छात्रों को इंटरनेट, संचार प्रौद्योगिकी, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर, मोबाइल एवं सूचना प्रणाली सहित तकनीकी और इलेक्ट्रॉनिक बातों को पढ़ाया व सिखाया जाएगा। छात्र इस डिप्लोमा में साइबर कानून के बारे में जानेंगे ।जिसमें ई-कॉमर्स, ऑनलाइन कॉन्ट्रैक्ट, आईपीआर, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और सॉफ्टवेयर पेटेंट उल्लेखनीय है। इसके अलावा ई टैक्सेशन, ई-गवर्नेंस और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के विशेष संदर्भ में इस कोर्स में अध्ययन किया जाएगा। साइबर क्राइम एवं लॉ के इस पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा को करने के बाद छात्र साइबर वकील, लीगल असिस्टेंट, साइबर कंसलटेंट जैसे पदों पर नौकरी कर सकते हैं, जिसमें एक लाख से लेकर 3 लाख तक का वेतन उन्हें प्राप्त हो सकता है। साइबर लॉ में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स पूरा करने के बाद कोई भी छात्र अपना आगे का अध्ययन जारी रख सकता है।

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