Wednesday, November 12

विवादों में डिप्टी रजिस्टार चिट्फंड कार्यालयः एक साल में भी नहीं हो पाया दिगंबर जैन पंचायती मंदिर समिति का रिन्यूवल, परेशान नागरिक करेगें पत्रकार सम्मेलन और शांतिपूर्ण आंदोलन

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मेरठ 18 सितंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। ज्यादातर अफसरों पर अपनी शुरूआत के कुछ वर्षों बाद जो डिप्टी रजिस्टार चिटफंड सोसायटी कार्यालय को लेकर जो सवाल उठने शुरू हुए वो बढ़ते ही जा रहे है। यहां मौजूद लगभग 50 हजार सोसायटियों में से 100 के संचालक भी इनकी कार्यप्रणाली से संतुष्ट नजर नहीं आते है। बताते चले कि लगभग 40 साल पहले मोहनपुरी के तीन चार कमरों में गली में इसका ऑफिस खुला जिसमें डिप्टी रजिस्टार के रूप में मुदगल जैसे ईमानदार अफसर आये और नागरिकों की विभाग से संबंधित सभी कार्यप्रणली पारदर्शी वातावरण में होती थी। कुछ वर्ष पूर्व यह विभाग न्यू मोहनपुरी स्थित मेरठ विकास प्राधिकरण के द्वारा बनाये गये मार्किट में चला गया। पता नहीं क्या कारण हुआ कि यह किसकी सोच रही कि शहर के बीचोबीच से यह ऑफिस जागृति विहार में केएल इंटरनेशनल स्कूल के पीछे सुनसान जगह में चला गया। और यहां सोसायटी संबंधी कार्य से आने वाले नागरिकों का प्रथम सामना कार्यालय के बाहर फैंली गंदगी से होता है। पर्यावरण का उपभोग करते हुए मरता क्या नहीं करता वाली कहावत को आत्मसात कर सोसायटियों के संचालक दफ्तर पहुंचते है जहां ना तो बैठने की अच्छी व्यवस्था है और ना ही पानी की। एक बाथरूम है जो इतना गंदा रहता है कि आम आदमी वहां जाने की नहीं सोचता। और इसकी जानकारी विभागीय अफसरों को भी है। मगर सब सुविधा शुल्क के चक्कर में इस ओर ध्यान देना उचित नहीं समझते।

इन कुछ कारणों से सोसायटी व संस्थाओं के संचालक इस विभाग के ऑफिस में जाने से बचते है मगर मजबूरी यह है कि एक एक डेढ डेढ़ साल से खूब प्रचलित धार्मिक संस्थाओं के पंजीकरण भी रिन्यूवल आसानी से नहीं किये जाते। इस संदर्भ में आनंदपुरी तीर्थकर महावीर मार्ग पर स्थित दिगंबर जैन पंचायती मंदिर समिति से संबंध और प्रवक्ता सचिन जैन का कहना है कि समिति का नवीनीकरण के लिए लगभग एक साल पहले कागज दाखिल किये गये थे जांच पड़ताल के बाद फीस जमा कराने से संबंध पत्र भी विभाग के व्यक्ति के द्वारा बनाया गया जिसके बाद यह तय हो जाता है कि पैसा जमा कराओ संस्था का रिन्यूवल हो जाएगा। लेकिन सचिन जैन के अनुसार पता नहीं क्यों ना रिन्यूवल फीस जमा कराई गई और ना ही नवीनीकरण किया गया। लगभग एक साल से निरंतर विभाग के चक्कर काट रहे है अफसरों से मिल रहे है। मगर उनके द्वारा कोई सीधा जबाव इस संदर्भ में ना देकर टरकाया जा रहा हैं। सचिन जैन के विहाप पर उनके साथ मौजूद जैन समाज के एक व्यक्ति का कहना था कि घूमाफिराकर धार्मिक संस्थान की समिति रिन्यूवल के लिए मोटी रकम की मांग आसपास घूमने वाले दलालों के माध्यम से की जाती है। सचिन जैन का कहना था कि अगर जल्दी ही हमारी समिति का रिन्यूवल नहीं किया गया तो कार्यालय के बाहर ही एक पत्रकार सम्मेलन बुलाकर यहां होने वाली गतिविधियों से नागरिकों को अवगत कराया जाएगा। अब हम इतना थक चुके है कि अगर जल्दी ही कार्रवाई नहीं हुई तो यहां धरना और माननीय आयुक्त महोदय के यहां शांतिपूर्ण प्रर्दशन भी किया जाएगा।

सचिन का कहना था कि आज हम डिप्टी रजिस्टार जितेन्द्र वर्मा जी से मिलने जा रहे है अगर सही उत्तर नहीं मिला तो फिर शांतिपूर्ण आंदोलन मार्ग भी हमारे पास रह जाएगा। बताते चले कि अभी पिछले दिनों डिप्टी रजिस्टार चिट्फंड कार्यालय के सामने किसानों ने धरना देकर यहां होने वाले घपलों का बखान किया था। इससे पहले भी काम को करने में टालमटोल व लापरवाही के चलते यहां हंगामें होते रहे है। साथ में मौजूद एक व्यक्ति का कहना था कि सांसद विधायकों को जब इस संदर्भ में अवगत कराया जाता है तो वो टेलीफोन करते है उनसे कह दिया जाता है कि जल्दी ही रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण दे दिया जाएगा। मगर फिर भी आम आदमी को परेशान किया जाता है।

बताते चले कि पहले इस कार्यालय से सात जिलों से संबंध थे अब गाजियाबाद नोएडा अलग हो गया परिणाम स्वरूप बुलंदशहर हापुड़ बागपत और मेरठ में सक्रिय सोसायटियां और फर्मों का रजिस्ट्रेशन यहां होना बताया जाता हैं। इतनी दूर सुनसान में कार्यालय में आने के लिए इन जिले के नागरिकों को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है उसके बाद भी काम समय से ना होने पर ये बड़े मायूस होकर यहां से जाते हैं। कई बार ऐसे लोगों का कहना था कि मुख्यमंत्री जी तो हर काम का समय से निस्तारण का संदेश दे रहे है और इस विभाग के अधिकारी चक्कर कटाना अपना धर्म समझ रहे है।

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